दूसरों के नाम कर दी 68 पट्टाधारकों की 125 एकड़ जमीन
सबहेड दो एसडीएम तहसीलदार व रजिस्ट्रार कानूनगो समेत अन्य के खिलाफ जांच शुरू डीएम ने निर
सबहेड : दो एसडीएम, तहसीलदार व रजिस्ट्रार कानूनगो समेत अन्य के खिलाफ जांच शुरू डीएम ने निरस्त किए फर्जी पट्टे
- अमृतपुर तहसील के अफसरों व कर्मियों की मिलीभगत से गांव सबलपुर में फर्जीवाड़ा
- मामला खुलने पर एसडीएम छुट्टी पर गए, एडीएम को सौंपी गई मामले की जांच
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : गांव सबलपुर में 68 पट्टाधारकों की 125 एकड़ जमीन अमृतपुर तहसील के अफसरों-कर्मियों ने मिलीभगत कर दूसरों के नाम कर दी। ग्राम प्रधान सुमन गुप्ता की शिकायत पर फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद से एसडीएम छुट्टी पर चले गए हैं। डीएम ने फर्जी नाम निरस्त कराने के बाद जांच एडीएम को सौंपी है।
वर्ष 2014 में 68 लोगों को 125 एकड़ जमीन के पट्टे दिए गए थे। 10 सितंबर 2021 को जब ग्राम प्रधान ने तहसील में अभिलेख देखे तो सच सामने आया। प्राथमिक जांच में पता चला है कि तहसील के आर-6 रजिस्टर के पृष्ठ संख्या 357 से 360 तक फाड़कर वहां नए चिपकाने के बाद दूसरे लोगों के नाम इंद्राज (दर्ज) किए गए। फर्जी पट्टेदारों से शिकायत करा उनके पक्ष में प्रमाणपत्र भी जारी कर दिए। इन पन्नों में ही पूरी जमीन का हिसाब दर्ज था। डीएम मानवेंद्र सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में है। फर्जी तरीके से दर्ज किए नाम निरस्त कर जांच एडीएम को सौंपी है। एसडीएम सहित अन्य की भूमिका संदिग्ध है। कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जांच अधिकारी एडीएम विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि छुट्टी पर गए एसडीएम नरेंद्र कुमार व पूर्व में तैनात रहे बृजेंद्र कुमार के अलावा तहसीलदार संतोष कुमार कुशवाहा, प्रभारी रजिस्ट्रार कानूनगो कन्हैयालाल व एसडीएम के पेशकार शिशुपाल से जवाब मांगा गया था। एसडीएम का जवाब नहीं आया है, जबकि बाकी के स्पष्टीकरण मिल गए हैं। क्या है आर-6 रजिस्टर
राजस्व विभाग का यह वह रजिस्टर होता है, जिसमें पट्टा, न्यायिक आदेश के तहत जमीन के स्वामित्व परिवर्तन के संबंध में आदेश दर्ज किया जाता है। जमीन इंद्राज के सबसे महत्वपूर्ण अभिलेख रजिस्टर को राजस्व विभाग की शब्दावली में आर-6 कहते हैं। नियमानुसार यह रजिस्ट्रार कानूनगो की देखरेख में रहता है। तहसील से बाहर रजिस्टर ले जाकर फाड़े और चिपकाए पन्ने
जासं, फर्रुखाबाद : फर्जीवाड़ा करने वालों ने सारी हदें पार कर दीं। प्राथमिक जांच में पता चला है कि आर-6 रजिस्टर को तहसील से बाहर ले जाकर पन्ने फाड़ने के बाद दूसरे चिपकाए गए। इस दौरान रजिस्टर को अपनी देखरेख में रखने वाले रजिस्ट्रार कानूनगो को भी कुछ पता नहीं चला, उन्हें संदेह के घेरे में लाता है। ग्रामीणों का आरोप है करीब 14 लाख रुपये अधिकारियों व कर्मचारियों ने फर्जी ढंग से नाम दर्ज करने को लेकर रिश्वत ली। इसको लेकर भी जांच हो रही है।
ग्राम पंचायत रामपुर जोगराजपुर की ग्राम प्रधान सुमन गुप्ता ने बताया कि ग्राम सबलपुर में आर-6 रजिस्टर में वर्ष 2014 में पट्टे दर्ज हुए थे। साजिश के तहत कुछ ग्रामीणों के फर्जी ढंग से नाम इंद्राज कराने की शिकायत डीएम मानवेन्द्र सिंह से की थी। शिकायत में उन्हें बताया था कि 10 सितंबर 2021 को तहसील अमृतपुर में 2014 का मालिकान रजिस्टर (आर-6) का मुआयना किया तो पृष्ठ संख्या 357 से 360 तक सबलपुर के 68 ग्रामीणों के नाम फर्जी इंद्राज की बात सामने आई। एसडीएम से शिकायत की थी, लेकिन उन्होंने अनदेखी की। मौजूदा एसडीएम नरेंद्र कुमार और पूर्व में तैनात रहे बृजेंद्र कुमार से इस संबंध में बातचीत करने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। प्रीति तिवारी नई एसडीएम
पट्टाधारकों के नाम दर्ज करने को लेकर किए गए फर्जीवाड़े के बाद मौजूदा एसडीएम नरेंद्र कुमार के छुट्टी पर जाने के बाद प्रीति तिवारी को एसडीएम के रूप में तैनाती दी गई है। डीएम ने बताया कि गड़बड़ी करने वालों को कतई बख्शा नहीं जाएगा।