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अपने राम में रमी रामनगरी, आज दिव्य दीपोत्सव से जागेगा सरयू का सौंदर्य

राम की पैड़ी पर एक दिन पहले ही सजा दिए गए तीन लाख दीपों को उस क्षण की प्रतीक्षा है जब उनके प्रकाश में अयोध्या का कल जगमगाता दिखायी देगा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 10:43 AM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 11:46 AM (IST)
अपने राम में रमी रामनगरी, आज दिव्य दीपोत्सव से जागेगा सरयू का सौंदर्य
अपने राम में रमी रामनगरी, आज दिव्य दीपोत्सव से जागेगा सरयू का सौंदर्य

अयोध्या [हरिशंकर मिश्र]। रामनगरी अपने ईष्ट के रंग में पूरी तरह सराबोर है। राम की पैड़ी पर एक दिन पहले ही सजा दिए गए तीन लाख दीपों को उस क्षण की प्रतीक्षा है जब उनके प्रकाश में अयोध्या का कल जगमगाता दिखायी देगा।

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दिव्य दीपोत्सव ने मंदिरों के इस शहर की सोच बदली है। राम अब उनके लिए मर्यादा पुरुषोत्तम भर नहीं हैं, असंख्य आशाओं के प्रतीक हैं। यही कारण है कि इस बार भक्ति का रंग और गाढ़ा है। मंदिर निर्माण को लेकर उठ रहे शोरशराबे ने इस रंग को और चटख किया है। राम वल्लभा कुंज के अधिकारी राजकुमार दास जब पूरे दावे से कहते हैं कि इस बार पूरी राज्य सरकार ऐसे ही नहीं यहां आ रही, तो उनका भरोसा पूरी अयोध्या की भावनाओं को सामने रख देता है।

राम को केंद्र में रखकर पिछले साल से शुरू हुए समारोहों से अयोध्या में बहुत कुछ बदला है। नगर निगम ने अस्तित्व में आते ही सीवर लाइन दी है तो सड़कों पर अंडर ग्राउंड केबल के जरिये एलईडी का प्रकाश लोगों को चौंकाता है। राम की पैड़ी को नई जिंदगी मिलने जा रही है। ऐसी ही कई योजनाओं की कड़ी को योगी सरकार मंगलवार को 176 करोड़ रुपये से और विस्तार देने जा रही है।

अयोध्या का पढ़ा-लिखा युवा इसके अर्थ समझता है। सरयू के किनारे समारोह की तैयारी में जुटे पांच हजार से अधिक युवक-युवतियों का जोश इसे साबित भी करता है। अपनी टीम के साथ राम दरबार की रंगोली तैयार कर रही अवध विश्वविद्यालय की रिचा सिंह कहती हैं कि हम गौरवबोध में डूबे हुए हैं। कालेजों को अलग-अलग घाट दिये गए हैं। उनमें समन्वय है तो प्रतिस्पर्धा भी। साकेत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. अजय मोहन श्रीवास्तव का चेहरा यह बताते हुए खिल जाता है कि उनके यहां के हजार छात्र दीपोत्सव को साकार करने में जुटे हैं।

इस बार लोगों की जिज्ञासा के विषय बदले हुए हैं। भगवान राम का सीता और लक्ष्मण समेत हेलीकाप्टर से आना सभी देख चुके हैं। शोभा यात्रा, राम लीला और लेजर शो भी सभी देख चुके हैं। दक्षिण कोरिया गणराज्य की प्रथम महिला किम जुंग सुक के आगमन ने अयोध्या के दो हजार साल पुराने रिश्तों पर बहस खड़ी की है। इस रिश्ते के निहितार्थ निकाले जा रहे हैं लेकिन, इससे भी बड़ा सवाल सरयू की धारा के साथ बह रहा है कि आखिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संतों के इस शहर को कौन सा बहुमूल्य उपहार देने जा रहे हैं।

जवाब के रूप में योगी का पिटारा मंगलवार शाम को खुलेगा लेकिन, लोग तय मान बैठे हैं कि इसका मंदिर निर्माण से कोई न कोई रिश्ता जरूर है। यहां तक कि बाहर से कार्तिक के महीने में कल्पवास कर रहे दूसरे प्रांतों के लोग भी यह जानने के लिए आतुर हैं कि सरकार कब मंदिर बनाने जा रही है। झारखंड से पांच साथियों के साथ आये 75 साल के सिफत यादव व्यग्रता से पूछते हैं कि अब मंदिर नहीं बनेगा तो कब बनेगा? इसी उत्कंठा- जिज्ञासा के बीच अयोध्या अपने राम में रमी हुई है। 


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