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सलाखों के पीछे योग की अलख जगा रहा बंदी

फैजाबाद : एक अपराध ने रामनयन को जेल पहुंचा दिया। कारागार पहुंचने के बाद रामनयन को अपरा

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 12:14 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jun 2018 12:14 AM (IST)
सलाखों के पीछे योग की अलख जगा रहा बंदी

फैजाबाद : एक अपराध ने रामनयन को जेल पहुंचा दिया। कारागार पहुंचने के बाद रामनयन को अपराधबोध हुआ। प्रायश्चित के लिए उसने बंदियों की मनोदशा को स्वस्थ करने की ठानी। ताकि उनके भीतर से नकारात्मक विचारों को कम कर मन-मस्तिष्क में नई चेतना लाई जा सके। इसके लिए रामनयन ने योग का रास्ता चुना। नया बंदी होने की वजह से पहले तो पुराने बंदियों को उसकी बात समझ में नहीं आई, लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीतता गया रामनयन का योग अन्य बंदियों के दिलोदिमाग पर छाता गया। अब जेल में रोज योग क्लास लगती है। उसे योगगुरु तो नहीं कहा गया, लेकिन उसकी सिखाई योग कला बंदी से लेकर अधिकारी तक प्रयोग कर रहे हैं।

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योगगुरु स्वामी रामदेव की शिष्य परंपरा से जुड़े रणविजय इन दिनों जेल में योग प्रशिक्षण का कार्यक्रम कर रहे हैं। रामनयन की सहभागिता प्रशिक्षण शिविर के उद्देश्य को पूर्ति के मुकाम तक ले जाने में सहायक बन रही है।

42 वर्षीय रामनयन ने योग की शिक्षा स्वामी रामदेव की पतंजली योगपीठ हरिद्वार से ली है। वर्ष 2006 में हरिद्वार से प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटे रामनयन ने योग के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य का मंत्र देना शुरू किया, लेकिन वर्ष 2016 में हत्या के एक मामले में रामनयन को पुलिस ने गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाल दिया। जेल में जाने के बाद भी रामनयन ने अपने हुनर की धार कुंठित नहीं होने दी। उसने पहले अपने बैरेक में बंदियों को योग सिखाना शुरू किया। आज वह करीब सौ बंदियों को योग सिखा रहा है। वर्तमान में योगगुरु रणविजय के मार्गदर्शन में रामनयन जेल में चल रहे विशेष शिविर में बंदियों को योग का प्रशिक्षण दे रहा है। इसका असर बंदियों की सेहत पर भी दिखने लगा है। रक्तचाप, गठिया, पाचन, नशाखोरी सहित कई दु‌र्व्यसन व रोगों पर नियंत्रण अधिकारियों ने भी महसूस किया है। Þबंदियों के मन-मस्तिष्क को स्वस्थ्य रखने में योग काफी असरदार साबित हो रहा है। बंदी रामनयन वर्मा के प्रयास से जेल में बंदियों का समूह योग सीख रहा है। वर्तमान में योग गुरु रणविजय की ओर से बंदियों को योग कराया जा रहा है।

बृजेश कुमार, वरिष्ठ जेल अधीक्षक, मंडल कारागार, फैजाबाद


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