कोरोना संक्रमितों का गलत नंबर बन रहा गले की फांस
मोबाइल नंबर गलत होने से संक्रमितों पर नजर रखना बना टेढ़ी खीर
अयोध्या: स्वास्थ्य विभाग के सामने इन दिनों नई समस्या खड़ी हो गई है। इन दिनों करीब-करीब रोजाना ही ऐसे कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं, जो जांच के दौरान अपना नंबर गलत दर्ज करा रहे हैं। कुछ के तो पते भी गलत निकले हैं। शिफ्टिग प्लान में भी इन्हें अनट्रैक्ड के तौर पर दर्ज किया जा रहा है। ऐसे में ये संक्रमित औरों के लिए भी बड़ा खतरा बन रहे हैं, जबकि स्वास्थ्य विभाग को इन्हें खोजने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। सबसे ज्यादा खतरा लक्षण रहित संक्रमितों से है। उनकी खोज नहीं होने की वजह से स्वास्थ्य कर्मी ऐसे मरीजों पर नजर भी नहीं रख पा रहे हैं। मजबूरन ऐसे लोगों की खोज में प्रशासनिक अमले को भी लगना पड़ रहा है।
बीती 14 से 17 सितंबर के बीच 46 ऐसे कोरोना संक्रमित रहे हैं, जिनका मोबाइल नंबर गलत निकला। इनमें 14 सितंबर को नौ, 15 को 14, 16 को 16 व 17 सितंबर को कोरोना पॉजिटिव मिले सात लोग हैं। इन्हें एंटीजेन अथवा लैब टेस्टिग में कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। मोबाइल नंबर से ही स्वास्थ्य कर्मी कोरोना संक्रमितों से संपर्क करते हैं। होम आइसोलेशन के दौरान मोबाइल नंबर से ही स्वास्थ्य रोजाना संक्रमितों का हाल-चाल लेते हैं और दर्ज कराए गए पते पर मरीजों को दवाएं आदि भी मुहैया कराई जाती हैं। मोबाइल नंबर गलत होने पर संबंधित तहसील के लेखपालों को इन्हें खोजने की जिम्मेदारी दी जा रही है। इस मसले पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सीबी द्विवेदी ने बताया कि जिन संक्रमितों का मोबाइल नंबर गलत निकलता है, उनकी सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को दी जा रही है।