गांधी जी होते तो कहते रामराज्य आ गया है: नाईक
फैजाबाद : केंद्र सरकार की खुले में शौच से मुक्ति की मुहिम को प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक
फैजाबाद : केंद्र सरकार की खुले में शौच से मुक्ति की मुहिम को प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने महात्मा गांधी के सपनों के रामराज्य से जोड़ दिया। उन्होंने कहाकि जिस प्रकार से ये मुहिम चल रही है और शौचालय बनवाए जा रहे हैं, उससे यदि आज महात्मा गांधी जीवित होते तो कहते कि मेरी नजर का रामराज्य आ गया है। उन्होंने उज्ज्वला योजना को भी अदभूत बताया। कहाकि धुआं मुक्त रसोई क्रांतिकारी परिवर्तन है।
डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के रीजनल आउटरीच ब्यूरो के तत्वावधान में केंद्र सरकार की योजनाओं पर आधारित पांच दिनी प्रदर्शनी का उद्घाटन करने पहुंचे राज्यपाल ने विभिन्न उदाहरणों से मोदी सरकार बनने के बाद वैश्विक स्तर पर बढ़ी भारत की प्रतिष्ठा की भी चर्चा की। कहाकि चार साल पहले भी विदेशों में योग था, लेकिन अब विश्व योग दिवस है। पहले योग को सिर्फ ¨हदुओं से जोड़ कर देखा जाता था, लेकिन योग अपने लाभ की वजह से ¨हदू, मुस्लिम, इसाई हर धर्म में लोकप्रिय हुआ है। योग दुनिया के अधिकांश देशों में योग दिवस मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि अगले साल होने वाले कुंभ में 12 करोड़ लोगों के जुटने की संभावना है। इसमें बड़ी संख्या में विदेशी भी होंगे। इसकी वजह विदेशों में बढ़ती भारत की प्रतिष्ठा है। इस मौके पर सांसद लल्लू ¨सह विवि के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित, रीजनल आउटरीच ब्यूरो के अपर महानिदेशक अरिमर्दन ¨सह, भाजपा जिलाध्यक्ष अवधेश पांडेय आदि थे।
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घुसपैठ पर राजनीति ठीक नहीं
राज्यपाल ने घुसपैठ पर राजनीति नहीं करने की भी सलाह सियासी दलों को दी। कहाकि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है। विदेशियों के गलत ढंग से देश में आने के दुष्परिणाम होते हैं। इसलिए देश की रक्षा के मद्देनजर इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।
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अखिलेश से ज्यादा पत्र योगी को लिखे
मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के सवाल पर राज्यपाल ने कहाकि अखिलेश यादव भी यूपी के मुख्यमंत्री थे। उनको भी पत्र लिखता था, योगी जी को अखिलेश से भी ज्यादा पत्र लिखे हैं, लेकिन अखिलेश ने पत्रों पर ध्यान नहीं दिया, जबकि मुख्यमंत्री योगी ने मेरे ही पत्र पर प्रदेश का स्थापना दिवस मनाने का फैसला लिया। वहीं अखिलेश ने मेरे पत्र को महत्व नहीं दिया था।
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हर साल देता हूं कार्यवृत्त
उन्होंने कहाकि वर्ष 1978 में पहली बार विधायक बना था। तीन बार विधायक और पांच बार सांसद रहा। पहली बार विधायक होने के बाद से ही हर साल अपना कार्यवृत्त जनता के समक्ष रखता हूं। विधायक होने पर विधानसभा में राम नाईक, सांसद होने पर लोकसभा में रामनाईक शीर्षक रखता था। वर्ष 2004 से 2014 तक किसी सदन में नहीं रहा। इसके बाद भी 'लोकसेवा में राम नाईक' शीर्षक से कार्यवृत्त रखता था। अब 'राजभवन में राम नाईक' शीर्षक से हर कार्य अपने कार्यों को जनता से साझा करता बताता हूं।