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मटर में तेजी, मूंगफली पुरानी, गाजर-चुकंदर भी स्टोर का

अक्टूबर माह का तीसरा सप्ताह आरंभ हो चुका है लेकिन तापमान की रफ्तार थमने को तैयार नहीं। पहली अक्टूबर से ही दिन का तापमान सामान्य से दो से ढाई डिग्री सेल्सियस अधिक चल रहा है। इस वजह से न तो ठंड शुरू हुई है और न ही सर्दी के सीजन की सब्जियों की आमद ही हो सकी है.

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 05:08 AM (IST)
मटर में तेजी, मूंगफली पुरानी, गाजर-चुकंदर भी स्टोर का
मटर में तेजी, मूंगफली पुरानी, गाजर-चुकंदर भी स्टोर का

अयोध्या: अक्टूबर माह का तीसरा सप्ताह आरंभ हो चुका है, लेकिन तापमान की रफ्तार थमने को तैयार नहीं। पहली अक्टूबर से ही दिन का तापमान सामान्य से दो से ढाई डिग्री सेल्सियस अधिक चल रहा है। इस वजह से न तो ठंड शुरू हुई है और न ही सर्दी के सीजन की सब्जियों की आमद ही हो सकी है। हरी मटर, मूली और सिघाड़ा को छोड़ दिया जाए तो बाकी सब्जियों का अभी इंतजार है। तापमान के साथ ही हरी मटर भी आसमान पर है, जबकि शारदीय नवरात्र शुरू होने के साथ ही गुलाबी ठंड का एहसास होने लगता था और सब्जियों की आमद भी हो जाती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है।

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मौजूदा समय में सर्दी के सीजन की सिर्फ तीन सब्जियां ही अभी बाजार में आई हैं। मटर, सिघाड़ा और मूली। इसमें मटर का दाम सौ रुपये किलोग्राम से अधिक है। नवीन मंडी में हरी मटर की आमद भी रोजाना नहीं है। गैर प्रांतों से आ रही हरी मटर क्वालिटी के हिसाब से भी अभी खरी नहीं है, लेकिन दाम आसमान पर हैं। दूसरे या तीसरे दिन मटर की आमद हो रही है। यही हाल सिघाड़े का भी है। बाजार में इक्का-दुक्का ठेले पर ही सिघाड़ा दिख रहा है, लेकिन भाव चढ़ा हुआ है। हां, मूली का साग अवश्य पर्याप्त मात्रा में आ गया है। 25 से 30 रुपये किलोग्राम के हिसाब से मूली का साग बिक रहा है, जबकि मूली का दाम 35 रुपये किलोग्राम तक है।

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मूंगफली पुरानी

मूंगफली लगभग हर व्यक्ति की पसंदीदा होती है। नवरात्र के दिनों में लगने वाले मेले में मूंगफली मुख्य आहार भी होती है, लेकिन इस बार लोगों को ताजी मूंगफली भी नहीं मिल रही। बाजार में बिकने वाली मूंगफली पुरानी है और दाम 35 रुपये पाव। इस वजह से लोगों को वह स्वाद में भी नहीं मिल रहा, जिसकी वजह से लोग मूंगफली के दीवाने होते हैं।

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गाजर चुकंदर का इंतजार

बाजार में सर्दी के सीजन में बिकने वाली गाजर और चुकंदर का भी इंतजार है। मौजूदा वक्त में गाजर और चुकंदर स्टोर की ही आ रही है, जबकि शारदीय नवरात्र में आम तौर पर गाजर व चुकंदर की आमद शुरू हो जाती थी।

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इस वजह से बढ़ा पारा

दिन का तापमान के सामान्य से अधिक होने की वजह से बंगाल की खाड़ी में बना लो-प्रेशर एरिया है। नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज के मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. सीताराम मिश्र ने बताया कि दक्षिण भारत व देश के अन्य हिस्सों में तो बारिश हो रही है, लेकिन प्रदेश में बारिश नहीं हुई। इसके साथ ही हवा की दिशा भी उत्तरी पश्चिमी है, लेकिन रफ्तार बेहद कम। इस वजह से यह एरिया ड्राई जोन में आ गया है। इसीलिए तापमान भी सामान्य से अधिक बना हुआ है। शनिवार को भी अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। यह सामान्य से ढाई डिग्री ज्यादा है। न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस रहा।


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