ध्यान दें! स्कूली वाहन पर आगे नहीं बैठ सकते हैं बच्चे
फैजाबाद : बच्चे को स्कूल भेज रहे हैं तो अभिभावक अपनी जिम्मेदारी भी समझे। स्कूली बच्चों की रो
फैजाबाद : बच्चे को स्कूल भेज रहे हैं तो अभिभावक अपनी जिम्मेदारी भी समझे। स्कूली बच्चों की रोड सेफ्टी के लिए बनाए गए मानकों की ओर अभिभावक-स्कूल दोनों को ध्यान देने की जरूरत है। शायद कम ही लोग इस बात को जानते होंगे कि स्कूली वाहनों पर चालक के साथ आगे बच्चों को बैठाने का नियम नहीं है। अभिभावक नियमों से अंजान हैं तो स्कूलों को इसकी फिक्र नहीं।
परिवहन विभाग के नियम कहते हैं कि चालक के साथ वाली सीट पर कोई स्कूली बच्चा नहीं बैठ सकता। यदि चालक बच्चों को बैठाता है, उस पर ओवरलो¨डग का दोष पाया जाएगा, जिसपर दंड का प्रावधान है। नियम का पालन कराने की जिम्मेदारी भले परिवहन विभाग की हो लेकिन इसकी आड़ में स्कूल और अभिभावक अपनी जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ सकते हैं। बच्चे आपके हैं, तो हिफाजत की ¨चता भी पहले आपको करनी होगी। सड़क पर आज भी तमाम ऐसे स्कूली टेंपो दिखेंगे, जिसमें बच्चे ठूंस-ठूंस कर भरे होते हैं। स्कूली बच्चों को घर से सुरक्षित जाना और विद्यालय से घर पहुंचा ये स्कूल की जिम्मेदारी है। अभिभावक को भी इसका ध्यान रखना होगा कि उनका बच्चा सुरक्षित परिवहन कर रहा है अथवा नहीं। बच्चों के बैग, टिफिन और ड्रेस के साथ उसके स्कूली वाहन और चालक पर भी ध्यान दें, तभी स्कूली बच्चों को हादसे और विकृत मानसिकता से बचाया जा सकता है, जिसमें अभिभावकों को भी मजबूती से आगे आना होगा। यदि सरकारी तंत्र और स्कूल प्रबंधन सहयोग न करे तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई के लिए तत्पर रहें।
स्कूल प्रबंधन से करें सवाल रोड सेफ्टी क्लब है कि नहीं?
फैजाबाद : स्कूली बच्चों के सुरक्षित परिवहन को लेकर प्रत्येक विद्यालय में रोड सेफ्टी क्लब के गठन का निर्देश जिला प्रशासन की ओर से दिया गया है। शिक्षा विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। अभिभावक इस पर भी गौर करें कि उनका बच्चा जिस स्कूल में पढ़ रहा है वहां रोड सेफ्टी क्लब गठित या नहीं? बेसिक शिक्षा विभाग के जिला समन्वयक निर्माण गिरिजाशंकर पांडेय ने बताया कि सभी परिषदीय विद्यालयों में रोड सेफ्टी क्लब गठित हो चुका है। निजी प्राइमरी स्कूलों में भी रोड सेफ्टी क्लब गठित करने के लिए पत्र जारी किया जा रहा है। बेसिक शिक्षा अधिकारी का आदेश है कि यदि कोई विद्यालय निर्देशों का अनुपालन नहीं करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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-स्कूली वाहन पर बच्चों को चालक आगे बैठाते हैं तो ओवरलो¨डग का दोष बनता है। तीन माह के भीतर 127 स्कूली वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। स्कूली बच्चों की रोड सेफ्टी को लेकर अभिभावक और स्कूलों की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है।
डॉ. उदित नारायण पांडेय, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी
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स्कूली बच्चों के सुरक्षित परिवहन पर सभी को ध्यान देना चाहिए। रोड सेफ्टी क्लब गठित करने के लिए निर्देश जारी कर दिया गया है, जो भी विद्यालय लापरवाही करेगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
अमिता ¨सह, बेसिक शिक्षा अधिकारी