दशक भर में नहीं भरे जा सके होमगार्डों के रिक्त पद
रामनगरी के भविष्य को देखते हुए होमगार्डों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता। होमगार्डों की बढ़ती मांग ने विभाग को चिता में डाला।
अयोध्या : जिले की कानून-व्यवस्था हो या फिर गोदाम और अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा। समाज में सुरक्षा व निगरानी के मोर्चे पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले होमगार्डों की जिले में भारी कमी है। विभागों की ओर से मांग बढ़ने के कारण महकमा इस चिता में पड़ गया है कि होमगार्डों की उपलब्धता कैसे सुनिश्चित कराई जाए। शासन भी होमगार्डों के रिक्त पदों को भरने में उदासीन है। जिले में 1700 होमगार्डों की तैनाती के सापेक्ष महज 1349 होमगार्ड ही तैनात हैं। 351 होमगार्डों के पद यहां दशक भर से रिक्त चल रहे हैं।
जिले में पर्याप्त होमगार्ड न होने की वजह से महत्वपूर्ण आयोजनों में गैर जिलों से होमगार्ड मांगे जाते हैं। होमगार्ड महकमे से जुड़े जानकारों की मानें तो वर्तमान में नगरीय क्षेत्र का दायरा बढ़ गया है। नगर निगम क्षेत्र भी विस्तार ले चुका है। ऐसे में होमगार्डों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता महकमा महसूस कर रहा है। गत वर्ष आए सुप्रीम फैसले के दौरान 1300 होमगार्ड अन्य जिलों से बुलाए गए थे। राममंदिर के निर्माण से अयोध्या में पर्यटन बढ़ेगा। बाहर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। ऐसे में पहले से ही पुलिस का अभिन्न अंग बन चुके होमगार्डों की भविष्य में और अधिक आवश्यकता पड़ेगी। वर्तमान में 700 होमगार्ड थाना, 475 प्रशासन और 171 यूपी-100 में ड्यूटी दे रहे हैं। शेष कॉमर्शियल ड्यूटी कर रहे हैं। जिला होमगार्ड कमांडेंट सुनील कुमार का कहना है कि मौजूदा जवानों को साथ लेकर बेहतर क्षमता का प्रदर्शन किया जा रहा है। रिक्तियों को भरने के लिए शासन स्तर से कार्रवाई होती है।