कोटा-पटना एक्सप्रेस के लिए फैजाबाद से भेजा गया इंजन
फ जाबाद/रुदौली : कोटा-पटना डिरेलमेंट को लेकर फैजाबाद में भी अफरातफरी का माहौल रहा
फ जाबाद/रुदौली : कोटा-पटना डिरेलमेंट को लेकर फैजाबाद में भी अफरातफरी का माहौल रहा। घटनास्थल भले ही बाराबंकी में रहा हो, लेकिन उसकी हलचल यहां तक महसूस की गई। पड़ोसी जिला होने की वजह से फैजाबाद रेल सेक्शन में इस हादसे में तत्परता दिखाने की चुनौती ज्यादा थी। फैजाबाद का रेल प्रशासन इसमें काफी हद तक खरा उतरा। बचाव व राहत कार्य के लिए फैजाबाद जंक्शन से वाणिज्य व परिचालन से जुड़े अधिकारी दुर्घटना राहतयान के साथ मौके पर पहुंचे। घटनास्थल पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू करने के साथ ही ट्रेन को आगे रवाना करने के लिए इंजन का इंतजाम फैजाबाद से किया गया।
मनकापुर पैसेंजर का इंजन कोटा-पटना एक्सप्रेस को लखनऊ की ओर रवाना करने के लिए इस्तेमाल किया गया। दुर्घटना का असर रेल यातायात पर दिखा। फैजाबाद से मरुधर व छापरा-कानपुर एक्सप्रेस को बाया सुल्तानपुर से चलाया गया। स्टेशन पर भी हड़कंप मचा रहा।
पटरंगा में भी ट्रैक पर डाले गए थे लोहे के एंगल
रुदौली : कोटा-पटना एक्सप्रेस डिरेलमेंट के पीछे साजिश की बात सामने आ रही है। यदि ऐसा है तो फैजाबाद भी इस खतरे से अछूता नहीं रहा है। रौजागांव रेलवे स्टेशन पर 18 वर्ष पहले हुए साबरमती एक्सप्रेस बमकांड के बाद से ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जो साजिश की ओर इशारा करती हैं। फैजाबाद जिले की सीमा से सटे बाराबंकी जिले के दरियाबाद स्टेशन के पतलुकी गांव के पास रेलवे ट्रैक पर कोटा-पटना डिरेल हुई। यहां से महज दो किलोमीटर की दूरी पर गत वर्ष पटरंगा स्टेशन के पश्चिम छोर पर आउटर सिग्नल के पास रेलवे ट्रैक पर लोहे का इंगल डाला गया था। इंगल बाराबंकी के अलियाबाद गांव के दो बच्चों से डलवाया गया था। गनीमत रही कि गैंगमैन बरकत अली ने बच्चों को ट्रैक पर इंगल चिपकाते हुए देख लिया था। उन्होंने दोनों बच्चों को पकड़ कर पटरंगा स्टेशन अधीक्षक विजय ¨सह को दे दिया था। स्टेशन अधीक्षक ने बच्चों को जीआरपी के सुपर्द कर दिया। जांच में किसी दूसरे का हाथ होना बताया गया था। मगर असली साजिशकर्ता को जीआरपी अब तक खोज नहीं पाई है।
किसी आंतकी गिरोह का हाथ तो नहीं..
रुदौली : रेलवे ट्रैक पर लकड़ी का बोटा डालने की साजिश के बाद पुलिस प्रशासन सहित रेलवे प्रशासन भी सतर्क हो गया। इसके पीछे आंतकी साजिश होने की बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। 14 अगस्त वर्ष 2000 को रौजागांव रेलवे स्टेशन पर खड़ी साबरमती एक्सप्रेस में हुए बम विस्फोट की याद अब भी लोगों के दिल को दहला जाती है। धमाके में नौ लोगों की मौत हुई थी और 40 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।