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सरयू स्नान और मंदिरों में पूजन से प्रवाहित हुई आस्था की धार

मकर संक्रांति पर बिखरी धर्म-संस्कृति की इंद्रधनुषी छटा. भगवान को खिचड़ी का भोग लगाये जाने के बाद जगह-जगह सजी खिचड़ी भोज की पांत

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 11:30 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 11:30 PM (IST)
सरयू स्नान और मंदिरों में पूजन से प्रवाहित हुई आस्था की धार
सरयू स्नान और मंदिरों में पूजन से प्रवाहित हुई आस्था की धार

अयोध्या : मकर संक्रांति के अवसर पर आस्था की धार प्रवाहित हुई। कड़ाके की ठंड को दरकिनार करते हुए श्रद्धालु तड़के से ही पुण्यसलिला सरयू की ओर उन्मुख हुए और पूरे भाव-चाव से पुण्य सलिला में डुबकी लगायी। स्नान के बाद सरयू तट पर ही गोदान और पुरोहितों को दान-प्रणाम करने के साथ आस्था का प्रवाह नगरी के आंतरिक परिक्षेत्र की ओर विसर्जित हुआ। अधिसंख्य श्रद्धालुओं ने सरयू स्नान के साथ पौराणिक पीठ नागेश्वरनाथ में विराजे भोले बाबा का अभिषेक किया। मकर संक्रांति की पवित्र बेला में श्रद्धालुओं ने रामलला के साथ हनुमानगढ़ी पहुंच उनके प्रिय-प्रधान दूत बजरंगबली को नमन किया। एक ओर श्रद्धालु स्नान-पूजन से फारिग हो रहे थे, दूसरी ओर आसमान में आच्छादित पतंगें मकर संक्रांति की इंद्रधनुषी छटा बिखेर रही थीं। मध्याह्न की दस्तक के साथ नगरी के हजारों मंदिरों में भगवान को खिचड़ी का भोग लगाया गया। यथाशक्ति-तथाभक्ति के हिसाब से खिचड़ी के साथ दही, पापड़, घी, अचार और अन्यान्य व्यंजन का भी भोग लगाया गया। भोग के बाद भंडारा का भी क्रम चला।

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रामलला को दही, पापड़, घी के साथ लगा खिचड़ी का भोग

लंबे समय से अस्थायी मंदिर और न्यायिक स्थगनादेश की बाध्यताओं में जकड़े रहे रामलला का दरबार प्राय: धार्मिक आयोजनों से वंचित होता रहता था, पर नौ नवंबर 2019 को रामलला के हक में आये अदालती निर्णय के साथ न केवल रामलला के भव्य मंदिर की संभावनाएं सतत प्रशस्त हो रही हैं, बल्कि प्रत्येक पर्व के अनुरूप धार्मिक आयोजन भी विधि-विधान से किये जा रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को रामलला को दही, पापड़, घी, अचार के साथ खिचड़ी का भोग लगाया गया। गुरुवार को रामलला के दर्शनार्थियों की लंबी लाइन भी लगी रही।

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स्वर्णिम बनाना होगा बच्चों का बचपन : शास्त्री

- नयी पौध को संवारने के लिए प्रतिबद्ध बचपन ट्रस्ट का स्थापना दिवस प्रमोदवन स्थित भागवतम में समारोहपूर्वक मनाया गया। ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं जाने-माने कथाव्यास पं. राधेश्याम शास्त्री ने कहा, श्रीराम, कृष्ण, बुद्ध एवं महावीर जैसी प्रतिभा विकसित करने के लिए जरूरी है कि हमारे बच्चों का बचपन स्वर्णिम हो और इसके लिए पूरी ²ढ़ता और जागरूकता के साथ प्रयास करना होगा। समारोह में मणिरामदास जी की छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास मुख्य अतिथि एवं रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमारदास विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। दोनों शीर्ष संतों ने बचपन ट्रस्ट के प्रयास को सराहनीय बताया और कहा कि जिस तरह मकर संक्रांति से भगवान भास्कर के तेज में वृद्धि होने लगती है, उसी तरह बचपन ट्रस्ट के प्रयास से भारत का बचपन भी ओज-तेज से युक्त होगा। समारोह में भाजपा के महानगर अध्यक्ष अभिषेक मिश्र, महामंत्री परमानंद मिश्र, उपाध्यक्ष विद्याकांत द्विवेदी, रवि शर्मा आदि मौजूद रहे।


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