लेखाधिकारी कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ खोला मोर्चा
बेसिक शिक्षा विभाग के लेखाधिकारी कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार का मुद्दा सुलगने लगा है. शिक्षक संघ के अध्यक्ष व मंत्री ने रुदौली विधायक को सौंपा ज्ञापन उच्चस्तरीय जांच की मांग.
अयोध्या: बेसिक शिक्षा विभाग के लेखाधिकारी कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार का मुद्दा सुलगने लगा है। इसे सीएम तक पहुंचाने के लिए शिक्षकों ने कमर कसी है। इसी सिलसिले में शिक्षकों ने बैठक कर लेखाधिकारी कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार पर हमला बोला और उच्चस्तरीय जांच की मांग की। दस वर्षों से कार्यालय में जमा लिपिक की संपत्ति की जांच की मांग उठाई। बैठक के बाद शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नीलमणि त्रिपाठी की अगुवाई में मुख्यमंत्री को संबोधित मांगपत्र विधायक रामचंद्र यादव को सौंपा। विधायक ने सीएम तक मामला पहुंचाने तथा मजिस्ट्रेटी जांच कराने का भरोसा दिलाया। विधायक को जिलाध्यक्ष ने लेखाधिकारी कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार को बिदुवार बताया। कहा कार्यालय में ऐसा गठजोड़ है, जो शिक्षकों से आयकर की अग्रिम कटौती करा, उन्हें पहले दौड़ाता है और बाद में अवैध वसूली करता है। इसीलिए कटौती आयकर के निर्धारित प्रपत्र 26 एएस में समय से पोस्ट नहीं की जाती। नीलमणि ने विधायक को बताया कि इसी जिले के निवासी कार्यालय में शासनादेश के विपरीत दस वर्षों से जमे हैं। इन पर दबंगई का आरोप लगाया। कहा कि शिक्षकों से वाद विवाद कर उन पर मुकदमा दर्ज कराते हैं।
उन्होंने कहाकि कई शिक्षकों के जीपीएफ में कटौती के सापेक्ष अंतर, सेवानिवृत्त शिक्षकों की पत्रावलियों का निराकरण न करना, गलत तरीके से आपत्ति लगाना कार्यालय की कार्यशैली है। शिक्षक संघ के जिला मंत्री अजीत सिंह ने लेखा कार्यालय में पटल सहायकों को समान रूप से कार्य विभाजन न किए जाने पर सवाल खड़े किए। आरोप लगाया कि लेखा अधिकारी चहेतों को मलाईदार पद दिए हैं।