विश्वेश प्रपन्नाचार्य बने सुग्रीवकिला पीठाधीश
रामनगरी के संत-महंत चित्र- 37 संसू अयोध्या बुधवार को दिग्गज संत जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य की तेरहवीं का भंडारा किए जाने के साथ सुग्रीवकिला के नए पीठाधीश्वर के रूप में जगद्गुरु विश्वेश प्रपन्नाचार्य का अभिषेक किया गया। अभिषेक करने वालों में मणिरामदास जी की छावनी के महंत नृत्यगोपालदास दशरथमहल के
अयोध्या : बुधवार को दिग्गज संत जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य की तेरहवीं का भंडारा किए जाने के साथ सुग्रीवकिला के नए पीठाधीश्वर के रूप में जगद्गुरु विश्वेश प्रपन्नाचार्य का अभिषेक किया गया। अभिषेक करने वालों में मणिरामदासजी की छावनी के महंत नृत्यगोपालदास, दशरथमहल के महंत बिदुगाद्याचार्य देवेंद्रप्रसादाचार्य, महंत कमलनयनदास, जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य, रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमारदास, नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास, जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य विद्याभास्कर, गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड के मुख्यग्रंथी ज्ञानी गुरुजीत सिंह, संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैयादास रामायणी, रामकथा मर्मज्ञ डॉ. सुनीता शास्त्री, जगद्गुरु रामानुजाचार्य डॉ. राघवाचार्य, संत रामभूषणदास कृपालु, दशरथगद्दी के महंत बृजमोहनदास, कथाव्यास आचार्य रत्नेश, पार्षद एवं हनुमानगढ़ी से जुड़े संत रमेशदास, विहिप की केंद्रीय प्रबंध समिति के सदस्य दिनेश, प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा, भाजपा की प्रदेशीय कार्यसमिति के सदस्य अभिषेक मिश्र आदि शामिल रहे। -----------इनसेट------ महापौर ने बताई नए युग की शुरुआत
- विश्वेश प्रपन्नाचार्य के पट्टाभिषेक में महापौर ऋषिकेश उपाध्याय शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने कहा, स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य का साकेतवास यदि एक युग का अवसान है, तो विश्वेश प्रपन्नाचार्य का उनके उत्तराधिकारी के रूप में अभिषेक नए युग का आगाज है। ------------------- पद्मनाभाचार्य बने उत्तराधिकारी
- 62 वर्षीय विश्वेश प्रपन्नाचार्य को शास्त्रों का मर्मज्ञ माना जाता है, उनकी गणना प्रतिष्ठित कथाव्यास के रूप में होती है। वे 1982 में ही स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य के शिष्य बने और उनकी प्रतिभा से प्रभावित गुरु ने 1996 में ही उन्हें अपना उत्तराधिकारी चुन लिया। बुधवार को पट्टाभिषेक के साथ उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के रूप में अनंत पद्मनाभाचार्य का चयन और संतों ने उनका अभिषेक किया। पद्मनाभाचार्य की उम्र 34 वर्ष है और वे आचार्य तक शिक्षित हैं।