कोरोना ने छीन लिए सात बच्चों के माता-पिता, अब सरकार बनेगी सहारा
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की हुई शुरुआत158 बच्चों में से किसी के सिर से उठा पिता तो किसी की मां का साया
अयोध्या: कोरोना महामारी ने किस कदर कहर ढाया है, यह उन बच्चों की संख्या बताती है, जिनके माता-पिता महामारी में काल का गाल बन गए। जिले में 165 बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता अथवा पिता या फिर दोनों ही मृत्यु कोरोना से हो गई। इनमें सात ऐसे बच्चे हैं, जिन्हें माता-पिता दोनों की मौत हुई। अब योगी सरकार इन बच्चों का सहारा बनने जा रही है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत अब इन बच्चों के अभिभावकों को चार हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। गुरुवार को यह योजना शुरू हो गई।
मंडलायुक्त कार्यालय के गांधी सभागार में विधायक वेदप्रकाश गुप्त ने 35 बच्चों को स्वीकृति पत्र वितरित कर जिले में योजना की शुरुआत की। चार हजार प्रतिमाह की दर से तीन माह की धनराशि 12 हजार रुपए 165 बच्चों के अभिभावकों के खाते में भेजी गई। उन्होंने कहाकि कोरोना महामारी ने कई बच्चों को अनाथ बना दिया, लेकिन अब प्रदेश सरकार ऐसे बच्चों को संबल प्रदान करेगी। विधायक ने कहाकि बच्चों को खोजने व योजना के लाभ के लिए औपचारिकताओं को पूर्ण करने में प्रशासन ने काफी मेहनत की। उन्होंने जिलाधिकारी अनुज कुमार झा के प्रयासों की सराहना की। जिलाधिकारी ने कहाकि आगामी दिनों में जिले में ऐसे और बच्चों को चिन्हित कर योजना का लाभ दिलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोविड- 19 की संभावित तीसरी लहर की रोकथाम के लिए आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। नौ आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए शासन ने स्वीकृति प्रदान की है। इसमें तीन आक्सीजन प्लांट लग भी गए हैं और छह को जल्द ही लगाया जाएगा। उन्होंने कहाकि लोगों को वैक्सीन लगवाने के साथ-साथ कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करना चाहिए। जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास सिंह ने योजना की जानकारी साझा की। परियोजना निदेशक आरपी सिंह, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी जयनाथ गुप्त आदि मौजूद रहे।
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सर्वाधिक बच्चे अयोध्या विस क्षेत्र के
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत चयनित 165 बच्चों में सर्वाधिक अयोध्या विधानसभा क्षेत्र के हैं। अयोध्या विस क्षेत्र में ऐसे बच्चों की संख्या 62 है। रुदौली के 12, गोसाईंगंज के 26, बीकापुर के 45 व मिल्कीपुर विधानसभा के 20 बच्चों को योजना का लाभ मिलेगा।
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ये मिलेगा लाभ
-भरण-पोषण के लिए बच्चों के अभिभावकों को प्रति माह चार हजार रुपये
-11 से 18 वर्ष के बच्चों की कक्षा 12 तक की निश्शुल्क शिक्षा कस्तूरबा गांधी बालिका एवं अटल आवासीय विद्यालयों में
-युवतियों के विवाह के लिए एक लाख एक हजार रुपये
-कक्षा नौ से ऊपर के व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के छात्र-छात्राओं को टैबलेट-लैपटाप
-बालिग होने तक बच्चों की चल-अचल संपत्तियों की कानूनी सुरक्षा
-अनाथ बच्चों को सरकारी बाल देखरेख संस्थाओं में निश्शुल्क आवास
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सभी अभिभावकों के साथ
जिले में कोरोना से अपने माता-पिता को गंवाने 165 बच्चे फिलहाल अपने अभिभावकों के साथ ही रह रहे हैं। किसी को भी बाल संरक्षण गृह में नहीं रखा गया है। अभिभावक भी इन बच्चों की देखभाल में पूरी तन्मयता से लगे हैं।