नाका हनुमानगढ़ी पर बही आस्था की धार
निर्जला एकादशी एवं ज्येष्ठ माह के मंगलवार का मनोरम योग
अयोध्या : निर्जला एकादशी एवं ज्येष्ठ माह के मंगलवार के योग में पौराणिक महत्व की पीठ नाका हनुमानगढ़ी पर आस्था की रसधार प्रवाहित हुई। पीठाधिपति महंत रामदास सहयोगियों के साथ ब्रह्मबेला से ही हनुमान जी के पूजन, अभिषेक एवं श्रृंगार में संलग्न रहे। उन्होंने हनुमान जी को सोने-चांदी के आकर्षक आभूषण के साथ नई पोशाक धारण कराई।
मुख्य यजमान पं. अशोक शास्त्री एवं पं. विनोद शास्त्री ने 1051 दीपों से हनुमान जी की आरती उतारी। हनुमान जी को बेसन और देशी घी के लड्डू का सवामनी भोग के साथ शर्बत, मालपुआ, चूरमा, बूंदी लड्डू, पेड़ा, केला आदि भांति-भांति के मिष्ठान एवं फल का भोग लगाया गया। इस दौरान फूल बंगला की झांकी भक्तों को विभोर करने वाली थी। भक्तों ने प्रसाद का भी बखूबी आनंद लिया। पूजन-अनुष्ठान संयोजन में पीठ के प्रधान पुरोहित पं. रंजनकुमार पांडेय, मिट्ठू महाराज, पं. जनार्दनदत्त द्विवेदी, अनिलकुमार पांडेय, इं. तिलकराज तिवारी, पुजारी प्रेमकुमार शुक्ल एवं अजयकुमार तिवारी, प्रवेशकुमार शुक्ल, अभिषेक पांडेय आदि सहयोगी रहे।