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जयंती पर अशफाक को किया नमन

अशफ़ाक़ उल्ला खां मेमोरियल शहीद शोध संस्थान के प्रबंध निदेशक सूर्य कांत पाण्डेय ने कहा कि सरकारें शहीदों के सरकारी भवनों पर नियंत्रण कर सकतीं है उनके विचारों पर नहीं कर पाएगी। उन्होंने संस्थान द्वारा आयोजित अमर शहीद अशफ़ाक़ उल्ला खा की 120 वी जयंती पर आरोप लगाया कि सरकार सांप्रदायिक एकता के सबसे बड़े प्रतीक अशफ़ाक़ के महिमामंडन से खौफ•ादा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 10:49 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 10:49 PM (IST)
जयंती पर अशफाक को किया नमन
जयंती पर अशफाक को किया नमन

अयोध्या : अशफाक उल्ला खां मेमोरियल शहीद शोध संस्थान के प्रबंध निदेशक सूर्यकांत पांडेय ने कहा कि सरकारें शहीदों के सरकारी भवनों पर नियंत्रण कर सकती हैं, उनके विचारों पर नहीं। वे रीडगंज स्थित अजीम कंप्यूटर सेंटर पर संस्थान की ओर से आयोजित शहीद अशफाक उल्ला की 120वीं जयंती के कार्यक्रम में विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा, सरकार सांप्रदायिक एकता के सबसे बड़े प्रतीक अशफाक के महिमामंडन से खौफजदा है और इसी डर से उनके शहादत स्थल पर होने वाले आयोजन को सरकार विरोधी आयोजन मानकर षड़यंत्र के तहत रोक लगा रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी राजेंद्र प्रसाद यादव ने की एवं संचालन संस्थान के उपाध्यक्ष जसवीर सिंह सेठी ने किया। इस मौके पर संस्थान के अध्यक्ष सलाम जाफरी, भाकपा माले नेता अतीक अहमद, जमशेद अहमद, रमाशंकर गुप्त, किसान नेता अखिलेश चतुर्वेदी, विकास सोनकर, विनीत कनौजिया, मुशीर खान राजू, सुल्तान खान आदि ने विचार रखे।

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एक अन्य कार्यक्रम में भारत की जनवादी नौजवान सभा कमेटी ने गुरुवार को काकोरी कांड के अमर शहीद अशफाक उल्लाह खां के जन्म दिवस पर पुष्पराज चौराहा स्थित अमर शहीद की प्रतिमा की सफाई कर श्रद्धाजंलि अर्पित की। जिलाध्यक्ष धीरज द्विवेदी के नेतृत्व में सभा कर सरकार पर शहीदों की प्रतिमा की उपेक्षा का आरोप लगाया। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने इंकलाब जिदाबाद व शहीदों का अपमान नहीं चलेगा के नारे भी लगाए।

श्रद्धाजंलि सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश महासचिव सत्यभान सिंह जनवादी ने कहा कि फांसी घर को बंद कर दिया गया है। यहां 1994 से लगातार जुलूस निकाल कर 19 दिसंबर को शहादत मेला लगाया जाता था। इस बंदी के खिलाफ संगठन आज से पूरे प्रदेश में हस्ताक्षर अभियान चलाएगा। राजेश नंद, शिवकुमार श्रीवास्तव, रामजी तिवारी, रेशमाबानो, अजय बाबा, शिवधर द्विवेदी, आनंद सिंह अन्नू, इंद्रावती, प्रशांत त्रिवेदी, अरविद, राजकुमार, अखंडप्रताप यादव, बालकृष्ण यादव, परमेंद्र आदि ने भी विचार रखे।


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