Move to Jagran APP

अयोध्या की हरियाली में सात वर्ग किलोमीटर का इजाफा

ध्यानार्थ..रविवार विशेष))अयोध्या की हरियाली में सात वर्ग किमी. का हुआ इजाफाध्यानार्थ..रविवार विशेष))अयोध्या की हरियाली में सात वर्ग किमी. का हुआ इजाफा

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 12:56 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 12:56 AM (IST)
अयोध्या की हरियाली में सात वर्ग किलोमीटर का इजाफा
अयोध्या की हरियाली में सात वर्ग किलोमीटर का इजाफा

रविप्रकाश श्रीवास्तव, अयोध्या : हरियाली ने अयोध्या में अपनी बाहें फैलाना आरंभ कर दिया है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर पौधरोपण व किसानों की मेहनत रंग लाई है। अयोध्या के वन क्षेत्र में सात वर्ग किलोमीटर का इजाफा हुआ है। फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में ये हकीकत सामने आई है। अयोध्या के वन क्षेत्र में बढ़ोतरी इस बात का सुखद संकेत है कि प्रकृति भी अयोध्या का गौरव बढ़ा रही है, जिसमें जन भागीदारी सबसे अहम है। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अयोध्या को हासिल हुई इस उपलब्ध को बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए सभी को आगे आना होगा।

loksabha election banner

फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया हर चार साल बाद अपनी रिपोर्ट जारी करता है। पिछली रिपोर्ट के मुताबिक अयोध्या में चार हजार हेक्टेअर वन क्षेत्र था। वर्ष 2017 की रिपोर्ट में 700 हेक्टेअर (सात वर्ग किलोमीटर) वन क्षेत्र का इजाफा पाया गया है। यानी कुल वन क्षेत्र चार हजार 700 हेक्टेअर हो गया है। कुमारगंज, रुदौली, खंडासा, पटरंगा प्रमुख वन क्षेत्र हैं। वन विभाग मानता है कि गत वर्षों में वृहद स्तर पर हुए पौध रोपण व किसानों की ओर से खेतों में किए गए पौधे हरियाली बढ़ाने में सहायक हुआ है। जिले में कुल पांच वन क्षेत्र हैं, जिसमें सदर, मया, बीकापुर, रुदौली व कुमारगंज रेंज शामिल हैं। ....इनसेट....... गोमती किनारे इठलाती है वन्य एवं जीव संपदा आनंद तिवारी, कुमारगंज : गोमती नदी के किनारे बसे कुमारगंज वन रेंज में वन्य एवं जीव संपदा इठलाती नजर आती है। इस क्षेत्र में वन रकबा बढ़ा है। 159 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण कर वन रकबे को बढ़ाया है। पहले यहां का कुल वन रकबा 1200 हेक्टेयर था, जो बढ़कर 1359 हेक्टेअर हो गया है। कुमारगंज वन टीम के सदस्यों ने हर वर्ग का सहयोग लेकर खाली पड़ी जमीनों पर हरियाली लाने की ठानी है। ताकि पर्यावरण संतुलन बना रहे। गोमती नदी के किनारे फैला देवगांव व कोटिया बकचुना का जंगल में शतावर, अश्वगंधा, गुलीच, लेमन ग्रास, खस, रक्त चंदन व स्वेत चंदन जैसे औषधीय वनस्पतियां मौजूद हैं। आयुर्वेद में इन वनस्पतियों का उपयोग किया जाता है। स्थानीय वन कर्मियों का कहना है कि इन वनस्पतियों के रकबे में भी वृद्धि हो रही है। कुमारगंज वन क्षेत्र में बारह¨सघा, चीतल, खरगोश, सियार, लकड़बघ्घा बहुत पाए जाते हैं। जंगल में इनकी मौजूदगी पर्यावरण के लिए अच्छा संकेत है।

वन क्षेत्र का बढ़ना पर्यावरण के लिए अच्छा संकेत है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर लोगों की जागरूकता का ये परिणाम है। वन विभाग की टीम भी इसके लिए बधाई की पात्र है। हरियाली लाने की इस मुहिम को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी इसी तरह सभी को उठानी होगी।

डॉ. रवि ¨सह, डीएफओ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.