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सब्जियां दिखा रहीं ताव, नहीं गल रही दाल, तेल के बढ़े भाव

कोरोना संक्रमण काल में यूं तो हर घर की अर्थव्यवस्था गड़बड़ाई हुई है लेकिन नवरात्र के साथ शुरू हुए त्योहारी सीजन में आम आदमी को महंगाई का तगड़ा झटका लगा है.

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 05:29 PM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 05:01 AM (IST)
सब्जियां दिखा रहीं ताव, नहीं गल रही दाल, तेल के बढ़े भाव
सब्जियां दिखा रहीं ताव, नहीं गल रही दाल, तेल के बढ़े भाव

अयोध्या: कोरोना संक्रमण काल में यूं तो हर घर की अर्थव्यवस्था गड़बड़ाई हुई है, लेकिन नवरात्र के साथ शुरू हुए त्योहारी सीजन में आम आदमी को महंगाई का तगड़ा झटका लगा है। राशन, सब्जियों से लेकर तेल व दैनिक उपभोग की वस्तुओं के दामों में आई तेजी से आम आदमी का जायका बिगड़ गया है। थाली में दाल पतली हो चुकी है, सलाद व चटनी गायब है। सब्जियों के राजा आलू के तो भाव ही नहीं मिल रहे हैं। टमाटर लाल है तो प्यास आंसू निकाल रहा है। हरी मिर्च और तीखी हो चुकी है तो हरी धनिया की खुशबू भी महंगी हो चुकी है। महंगी दाल में तड़का लगाना भी महंगा पड़ रहा है। सरसों के तेल से लेकर रिफाइंड तक के दाम आसमान छू रहे हैं। 80 रुपये से लेकर 100 रुपये तक बिकने वाली अरहर दाल अब 120 से 150 रुपये तक बिक रही है। आलू 45 से 50 रुपये तो प्याज के भाव 50 से ऊपर हैं। हरी धनिया दो सौ रुपये किलो, लहसुन 120 रुपये किलो, हरी मिर्च 80 रुपये से लेकर सौ रुपये तक बिक रही है। 100 रुपये प्रति किलो तक बिकने वाला सरसों का तेल 135 रुपये से लेकर 150 रुपये तक बिक रहा है। नवरात्र के चलते फल व हरी सब्जियों के दामों में भी उछाल है। दामों में उछाल के पीछे जमाखोरों का हाथ माना जा रहा है। खाद्य पदार्थों का भंडारण बड़े व्यापारी कर रहे हैं। महंगी वस्तुओं की मंडी में आवक कम हो गई है। नवीन मंडी रुदौली के सचिव विनय राय बताते हैं कि इस वक्त पूरा माल मंडी नहीं आ रहा है। आधा माल मंडी से बाहर चौराहों पर उतर जाता है। हमें मंडी के बाहर कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है।

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इनकी सुनिए .......

- रुदौली के स्टेशन रोड निवासी गृहणी वंदना पांडेय बताती हैं कि लॉकडाउन में हरी सब्जियां व अन्य वस्तुएं सस्ती थीं। अब जब बाजार पूरी तरह से खुल चुके हैं तो खाद्य पदार्थों के दामों में बेतहाशा वृद्धि हो गई है। गांधीनगर की नीलम कहती हैं कि महंगाई पर कोई नियंत्रण नहीं है। अब एक समय दाल व एक समय सब्जी बनानी पड़ रही है। दोनों समय दाल व सब्जी खाना मुश्किल हो गया है। महंगाई पर नियंत्रण के लिए सरकार को प्रभावी कदम उठाना चाहिए। सब्जी विक्रेता कुलदीप मौर्य का कहना है कि जब मंडी से सब्जी महंगी मिलती है, तो खुदरा व ठेला व्यापारी महंगा बेचने पर मजबूर होता है। किराना स्टोर संचालक सौरभ कसौधन की मानें तो चाय से लेकर दाल तक की कीमतों में कोरोना के चलते बढ़ोतरी हुई है।

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विभिन्न वस्तुओं के स्थानीय मंडी के दाम

दाल - 120 से 150 रुपये किलो

सरसों तेल - 120 से 140 रुपये किलो

आलू- 45 से 50 रुपये किलो

प्याज-5्र0 रुपये किलो

टमाटर- 50 रुपये किलो

अदरक - 100 रुपये किलो

हरी मिर्च - 100 रुपये किलो

गोभी - 50 रुपये प्रति पीस

लौकी - 5्र0 से 60 रुपए प्रति किलो


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