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लाल निशान से 26 सेंटीमीटर ऊपर बह रही सरयू

बाढ़ की विभीषका का दंश क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांव झेल रहे हैं। खतरे के निशान से ऊपर बह रही घाघरा का जलस्तर यूं ही बढ़ता रहा तो महंगू पुरवा व कैथी मांझा का

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 11:06 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 11:06 PM (IST)
लाल निशान से 26 सेंटीमीटर ऊपर बह रही सरयू
लाल निशान से 26 सेंटीमीटर ऊपर बह रही सरयू

अयोध्या : रामनगरी में सरयू नदी रौद्र रूप धारण कर चुकी हैं। सरयू ब्रिज पर नदी खतरे के निशान 92.730 मीटर से 26 सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही अनवरत वर्षा की वजह से यहां नदी का जल स्तर 92.990 मीटर पर पहुंचकर स्थिर हो गया है। इससे तटवर्ती इलाकों में बसे दो दर्जन गांवों के नागरिकों में भय व्याप्त है। लोग सुरक्षित ठिकानों की तलाश में हैं। महंगू पुरवा व कैथी मांझा का अस्तित्व खतरे में संसू, रुदौली (अयोध्या) : खतरे के निशान से ऊपर बह रही घाघरा का जलस्तर यूं ही बढ़ता रहा तो महंगू पुरवा व कैथी मांझा का अस्तित्व खतरे में आ जाएगा। कैथी मांझा सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित है। यहां हर घर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। अब्बूपुर का एक संपर्क मार्ग कट चुका है। ग्रामीण एक किलोमीटर चक्कर लगा कर आवागमन कर रहे हैं। महंगूपुरवा संपर्क मार्ग पर भी पानी आ चुका है।

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बाढ़ का पानी सल्लाहपुर, मुजेहना, सरायनासिर आदि गांवों को स्पर्श कर चुका है। रौनाही तटबंध पर तीन बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। कागजों पर यहां राजस्व निरीक्षक व बाढ़ खंड के अधिकारी तैनात हैं। दो चौकी पर ताला लटक रहा है। बरई चौकी पर दिन में अफसर रहते हैं। अब तक बाढ़ प्रभावित गांवों में दवाओं का वितरण नहीं हुआ है। वायरल फीवर से लोग पीड़ित हैं। कैथी मांझा के श्रीदत्त बताते हैं कि संक्रामक रोग से ग्रामीण पीड़ित हैं। 15 किलोमीटर दूर रुदौली सीएचसी दवा लेने जाते हैं। अबतक कोई अफसर गांव नहीं आया। प्रशासन बाढ़ को सिरे से खारिज करता है। बाढ़ पीड़ितों को अतिरिक्त केरोसिन तक नहीं मिला। अंधेरे में बाढ़ प्रभावितों की रातें कट रही हैं।

------------------------ खेतों में घुसा बाढ़ का पानी, अब गांव भी सांसत में संवादसूत्र, पूराबाजार (अयोध्या) : सरयू नदी का जलस्तर बढ़ जाने से सदर तहसील क्षेत्र के मांझा मूड़ाडीहा, मांझा मड़ना, मांझा रामपुरपुवारी और मांझा काजीपुर में बाढ़ का प्रकोप दिखने लगा है। सबसे ज्यादा असर निचले इलाके के मांझा मूड़ाडीहा में है। राजा दशरथ समाधि के बगल एवं बिलहरी शरीफ का पिछला हिस्सा बाढ़ की पानी से लबालब हो गया है। फसल डूब गई है। पशु चारे का संकट खड़ा हो गया है। आबादी भी सांसत में है। छह गांव के लोग सुरक्षित ठिकाने की ओर कूच कर गए हैं। बाढ़ कार्यखंड दशरथ-समाधि से नयाघाट-अयोध्या बंधा की सुरक्षा के लिए पिछले एक माह से जूझ रहा हैं।

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बोले जिम्मेदार

-उप जिलाधिकारी सदर अर्पित गुप्त ने बताया कि सरयू नदी का पानी निचला हिस्सा होने के नाते मांझा मूड़ाडीहा गांव के खेतों में घुसा है। आबादी एवं आवासीय क्षेत्र सुरक्षित है। बाढ़ आपदा से निपटने के लिए संसाधनों से लैस राजस्वकर्मी मुस्तैद हैं। तहसील परिसर में आपदा विभाग एलर्ट हैं। बाढ़ कार्यखंड के सहायक अभियंता सर्वजीत वर्मा ने बताया कि उनका विभाग सदर तहसील के करीब 13.140 किलोमीटर लंबे बंधे की निगरानी करेगा। इस दौरान तीनों रेगुलेटरों की मरम्मत की गई है। सारे स्परों (ठोकरों) पर पैनी निगाह है।


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