देश के समरस स्वरूप से परिचित कराएगी पुस्तिका
अयोध्या: डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में शनिवार से आरंभ हो रहे समरसता कुंभ में एक ओर जहां देश भर से आने वाले विद्वान भारत के सामाजिक ताने-बाने पर विमर्श करेंगे तो दूसरी ओर इसी कुंभ में पुस्तक का विमोचन भी प्रस्तावित है। इस पुस्तक में देश भर के विद्वानों के समरसता पर आधारित लेखों को शामिल किया गया है, जो न केवल भारत की सामाजिक समरसता के स्वरूप की सिद्धि करेंगे बल्कि अध्ययन के लिहाज से भी अहम होंगे। करीब ढाई सौ पृष्ठ की पुस्तक में कुल 47 विद्वानों के अलग-अलग विषयों पर आधारित लेखों को शामिल किया गया, जिसमें विभिन्न पंथ, मत, मजहब व जाति के बीच समाज में रचे-बसे समरस मिजाज का विवेचन होगा।
अयोध्या: डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में शनिवार से आरंभ हो रहे समरसता कुंभ में एक ओर जहां देश भर से आने वाले विद्वान भारत के सामाजिक ताने-बाने पर विमर्श करेंगे तो दूसरी ओर इसी में पुस्तक का विमोचन भी प्रस्तावित है। पुस्तक में देश भर के विद्वानों के समरसता पर आधारित लेखों को शामिल किया गया है, जो न केवल भारत की सामाजिक समरसता के स्वरूप की सिद्धि करेंगे बल्कि अध्ययन के लिहाज से भी अहम होंगे। करीब ढाई सौ पृष्ठ की पुस्तक में 47 विद्वानों के अलग-अलग विषयों पर आधारित लेखों को शामिल किया गया, जिसमें विभिन्न पंथ, मत, मजहब व जाति के बीच समाज में रचे-बसे समरस मिजाज का विवेचन होगा।
यह पुस्तक कुल तीन खंडों में है। किताब का पहला खंड क समरसता पर आधारित होगा। इसमें प्रो. कौशलकिशोर, अविवि के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित, वेणुरंजन, डॉ. श्यामा सहित 22 विद्वानों के लेख शामिल हैं। इन लेखों में भारतीय समरसता के पुरोधा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, मनुस्मृति में समाज कल्याण की भावना, विभिन्न रामायण में समरसता, वाल्मीकि रामायण में सामाजिक समरसता व समन्वयवादी ²ष्टिकोण समेत अन्य विषयों पर आधारित लेखों को शामिल किया गया है। खंड ख अयोध्या पर आधारित है। इसमें प्रो. ईश्वरशरण विश्वकर्मा, डॉ. डीपी तिवारी, डॉ. योगेंद्रप्रसाद त्रिपाठी आदि विद्वानों के कुल 13 लेख शामिल हैं। इसमें अयोध्या के मंदिर, संप्रदाय, अखाड़ा, छावनी व देवों पर आधारित लेख हैं। तीसरा खंड व्यक्ति विशेष के नाम से है। दस लेखों को इसमें शामिल किया गया है। तीसरे खंड में पंडित दीनदयाल उपाध्याय व डॉ. राममनोहर लोहिया, महर्षि वाल्मीकि, आचार्य नरेंद्रदेव, वल्लभभाई पटेल आदि के व्यक्तित्व व कृतित्व पर आधारित लेख होंगे। विवि के मीडिया प्रभारी प्रो. केके वर्मा कहते हैं यह पुस्तक समरसता के नए सूत्रों का प्रतिपादित होगा।