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साकेत कॉलेज में आठ लाख रुपये से होगी नई किताबों की खरीद

अयोध्या साकेत महाविद्यालय की लाइब्रेरी की बदहाली दूर होने वाली है। महाविद्यालय प्रशासन ने सभी संकायों व कक्षाओं से संबंधित नई पुस्तकों की खरीदारी का आर्डर दिया है। इस पर भिन्न-भिन्न आर्डर में कुल आठ लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। जल्द ही किताबों की पहली खेप महाविद्यालय पहुंच जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 11:39 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 06:08 AM (IST)
साकेत कॉलेज में आठ लाख रुपये से होगी नई किताबों की खरीद
साकेत कॉलेज में आठ लाख रुपये से होगी नई किताबों की खरीद

अयोध्या : साकेत महाविद्यालय की लाइब्रेरी की बदहाली दूर होने वाली है। महाविद्यालय प्रशासन ने सभी संकायों व कक्षाओं से संबंधित नई पुस्तकों की खरीदारी का आर्डर दिया है। इस पर भिन्न-भिन्न आर्डर में कुल आठ लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। जल्द ही किताबों की पहली खेप महाविद्यालय पहुंच जाएगी।

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किताबों की खरीद के बाद प्रबंधन इन पुस्तकों का सत्यापन करेगा। इसी के बाद पुस्तकों को पुस्तकालय में छात्र-छात्राओं के पढ़ने के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें बीए, एसए, बीएससी, एमएससी, बीकाम व एमकाम कक्षाओं से जुड़ी आवश्यक पुस्तकों की सूची है।

कई वर्षों से महाविद्यालय में नई किताबों की खरीदारी पर्याप्त मात्रा में नहीं हुई। इसी वजह से यहां सेलबस के अनुरूप किताबों की उपलब्धता का संकट पैदा हो गया। इन वर्षों में तो छात्र-छात्राओं को किताब के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता रहा। चालू सत्र में किताब का संकट बना रहा। गत दिनों छात्र नेता अंकित सिंह विश्वजीत ने लाइब्रेरी सहित कुल दर्जनभर से अधिक मुद्दों को लेकर आंदोलन छेड़ा। आमरण अनशन शुरू किया तो महाविद्यालय प्रशासन व जिला प्रशासन सकते में आ गया। मांग पूरा करने का भरोसा देकर अंकित का आमरण अनशन खत्म कराया गया। आखिरकार अंकित सिंह विश्वजीत की कोशिश रंग लाई। महाविद्यालय प्रबंधन सक्रिय हुआ और किताबों का आर्डर भी दिया। पुस्तकालय प्रभारी डॉ. बीडी द्विवेदी ने बताया कि बड़े पैमाने पर किताबों की खरीद का आर्डर दिया गया है। दिसंबर के अंतिम तक किताबें आ जाएंगी। स्टाक के सत्यापन के बाद ही इसे लाइब्रेरी में रखा जाएगा।

छात्रनेता इमरान अंसारी ने महाविद्यालय प्रशासन के निर्णय का स्वागत करते हुए अन्य मांगों को भी जल्द पूरा करने की गुहार की। उन्होंने इसी सत्र में इन किताबों को पुस्तकालय में रखने की मांग भी की।


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