Move to Jagran APP

घाटे में पिस रहीं राइस मिलें, श्रमिकों के अभाव से बढ़ा नुकसान

अयोध्या कोरोना ने उद्योग धंधों को गहरे घाटे में पहुंचा दिया है। पहले लॉकडाउन और अब श्रमिकों की कमी कारोबार को चौपट करने लगी है। घाटे के ऐसे ही संक्रमण के दौर से जिले के राइस मिलर्स गुजर रहे हैं। कुशल श्रमिकों के अभाव में राइस मिलों में चलाने वाली मशीन की आवाज कमजोर पड़ने लगी है। गैर प्रांतों को होने वाली चावल की आपूर्ति ठप पड़ी है। सिर्फ लोकल आपूर्ति तक ही मिलों का अस्तित्व सिमट गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 11:59 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 06:03 AM (IST)
घाटे में पिस रहीं राइस मिलें, श्रमिकों के अभाव से बढ़ा नुकसान
घाटे में पिस रहीं राइस मिलें, श्रमिकों के अभाव से बढ़ा नुकसान

अयोध्या : कोरोना ने उद्योग धंधों को गहरे घाटे में पहुंचा दिया है। पहले लॉकडाउन और अब श्रमिकों की कमी कारोबार को चौपट करने लगी है। घाटे के ऐसे ही संक्रमण के दौर से जिले के राइस मिलर्स गुजर रहे हैं। कुशल श्रमिकों के अभाव में राइस मिलों में चलाने वाली मशीन की आवाज कमजोर पड़ने लगी है। गैर प्रांतों को होने वाली चावल की आपूर्ति ठप पड़ी है। सिर्फ लोकल आपूर्ति तक ही मिलों का अस्तित्व सिमट गया है। जिले का राइस मिल एसोसिएशन इसे लेकर काफी चितित है। उत्पादन और बिक्री कम होने से भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। बैंक से लिए गए लोन का ब्याज यथावत है और बिजली का बिल भी अदा करना है। ऐसे में राइस मिलर्स एसोसिएशन के सामने कोरोना काल में संकट गहरा गया है।

loksabha election banner

जिले में 30 राइस मिलें संचालित हैं। राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष लालजी जायसवाल का कहना है कि मिलों में बिहार के ही अधिक कुशल श्रमिक थे। अधिकांश श्रमिक जा चुके हैं। हालात ये है कि मिलों में पल्लेदार तक का अभाव हो गया है। पहले बरसात की वजह से धान को नुकसान हुआ उसके बाद लॉकडाउन ने राइस मिलों के सामने संकट खड़ा कर दिया। बीयर निर्माण के लिए भेजे जाने वाले चावल के कण लॉकडाउन की वजह से फैक्ट्रियों में नहीं जा सके। इसका भी नुकसान राइस मिलों को उठाना पड़ा। लालजी जायसवाल कहते हैं कि उनकी राइस मिल में 40 टन प्रतिदिन उत्पादन होता था, जो अब घटकर 10 टन रह गया है।

.......

गुजरात, महाराष्ट्र तक होती है आपूर्ति

अयोध्या : जिले की राइस मिलों से गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश तक चावल की आपूर्ति होती है। लॉकडाउन की वजह से इन प्रांतों से संपर्क ठप है, जिसके कारण राइस मिलों को होने वाला लाभ प्रभावित है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.