रामलीला कलाकारों ने किया जीवंत मंचन
मयाबाजार(अयोध्या) मयाबाजार के रामलीला मैदान पर चल रही पांच दिवसीय रामलीला में शनिवार की रात कलाकारों ने जीवंत मंचन किया। राम सीता व लक्ष्मण वन जा रहे हैं। रास्ते में गंगा नदी पड़ती है। नदी पार करने के लिए भगवान राम केवट से कहते हैं। केवट नाव लाने से मना कर देता है। वह कहता है कि आप के चरण छूते ही पत्थर की शिला नारी बन गयी। हमारी नाव भी आपके स्पर्श से नारी बन गयी तो घर में दो-दो नारियां हो जाएंगी।
मयाबाजार(अयोध्या) : मयाबाजार के रामलीला मैदान पर चल रही पांच दिवसीय रामलीला में शनिवार की रात कलाकारों ने जीवंत मंचन किया। राम, सीता व लक्ष्मण वन जा रहे हैं। रास्ते में गंगा नदी पड़ती है। नदी पार करने के लिए भगवान राम केवट से कहते हैं। केवट नाव लाने से मना कर देता है। वह कहता है कि आप के चरण छूते ही पत्थर की शिला नारी बन गयी। हमारी नाव भी आपके स्पर्श से नारी बन गयी तो घर में दो-दो नारियां हो जाएंगी। भगवान राम कहते हैं ऐसा नहीं होगा, तुम मुझे पार पहुंचा दो। इसपर केवट राजी होता है और कहता है कि वह पहले चरण धोएगा। राम आज्ञा देते हैं तो केवट कठौता में जल लेकर चरण धुलता है। केवट सभी को नदी पार कराता है। सीताजी अंगूठी उतार कर देने लगती हैं तो केवट मना कर देता है और कहता है कि वह सबकुछ पा गया। भगवान उसे आशीर्वाद देकर प्रस्थान कर जाते हैं।
इससे पूर्व दशरथ मरण व राम को मनाने गए भरत का खंड़ाऊ लेकर वापस आने का मंचन दर्शकों को भाव विभोर किया। कार्यक्रम देखकर लोग भावविह्वल हो जाते हैं। दतौली से आये कलाकार फूलचंद का कैकेई, घनश्याम गुप्त का दशरथ, जनार्दन पांडेय का केवट एवं राम का अभिनय दर्शकों ने खूब सराहा। प्रबंधक अनिल सिंह, कैप्टन सिंह, सुरेश गुप्त, भगौती गुप्त, ऋषि पांडेय, श्रवण तिवारी, अभिषेक तिवारी सहित रामलीला समिति के पदाधिकारियों ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। थाना महराजगंज के आरक्षी सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी एवं जयविद सिंह देर रात तक सुरक्षा व्यवस्था में लगे रहे।