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मंदिर निर्माण की मुहिम से पूरे देश को जोड़ने की योजना

अयोध्या दो अप्रैल को पड़ रहे रामजन्मोत्सव को विहिप यादगार बनाएगी। विहिप के संयोजन में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (25 मार्च) से चैत्र पूर्णिमा (आठ अप्रैल) तक रामजन्मोत्सव प्रस्तावित है। रामलला के हक में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद इस आयोजन की अहमियत काफी बढ़ गई है। इस अभियान के पीछे विहिप का मकसद पूरे देश को मंदिर निर्माण की मुहिम से जोड़ना है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 11:48 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 06:06 AM (IST)
मंदिर निर्माण की मुहिम से पूरे देश को जोड़ने की योजना
मंदिर निर्माण की मुहिम से पूरे देश को जोड़ने की योजना

अयोध्या : दो अप्रैल को पड़ रहे रामजन्मोत्सव को विहिप यादगार बनाएगी। विहिप के संयोजन में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (25 मार्च) से चैत्र पूर्णिमा (आठ अप्रैल) तक रामजन्मोत्सव प्रस्तावित है। रामलला के हक में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद इस आयोजन की अहमियत काफी बढ़ गई है। इस अभियान के पीछे विहिप का मकसद पूरे देश को मंदिर निर्माण की मुहिम से जोड़ना है।

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कारसेवकपुरम में रविवार को ही संपन्न हुई विहिप की दो दिवसीय योजना बैठक में इस मुहिम को लेकर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। बैठक में विहिप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अंबरीष सिंह सहित अवध क्षेत्र के अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर समेत 22 जिलों के पदाधिकारी शामिल हुए। विहिप की कोशिश राम महोत्सव के माध्यम से गांव-गांव में समितियां बनाकर राम की मूर्ति स्थापित कराने और इनकी पूजा करवा कर पूरे देश में राममय माहौल बनाने की है।

विहिप नेतृत्व ने देश के दो लाख 75 हजार गांवों में राम महोत्सव मनाने का लक्ष्य तय किया है। राम महोत्सव के लिए ग्राम स्तर पर समितियां भी गठित होने लगी हैं। हर गांव में राम की मूर्ति स्थापित करवा कर पूजन-अर्चन किया जाना है। महोत्सव के तहत देश के विभिन्न हिस्सों में रथयात्रा भी निकाली जाएगी। विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा के अनुसार राम महोत्सव विहिप प्रत्येक वर्ष आयोजित करती रही है पर मंदिर के हक में निर्णय आने के बाद इसकी महत्ता काफी बढ़ गई है और तैयारियां भी उसी हिसाब से की जा रही हैं।


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