बयां हो रहा राममंदिर के प्रति उत्सुकता का चरम
अयोध्या : रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद किस करवट बैठेगा। सोमवार से विवाद की सुनवाई आगे बढ़
अयोध्या : रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद किस करवट बैठेगा। सोमवार से विवाद की सुनवाई आगे बढ़ने की पूर्व बेला में इस उत्सुकता का चरम परिभाषित हो रहा है। मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशी की रामघाट स्थित कार्यशाला में दर्शनार्थियों की भीड़ तो आम दिनों की तरह थी पर उनकी आस्था का सरोकार खास था। न्यास कार्यशाला पौने तीन दशक से संचालित है और लंबी प्रतीक्षा के बीच यह मंदिर निर्माण की तैयारी बयां करने से कहीं अधिक तराशे गए पत्थरों की प्रदर्शनी के तौर पर प्रतिष्ठापित हुई। हालांकि केंद्र में मोदी एवं प्रदेश में योगी सरकार की ताजपोशी, सुप्रीमकोर्ट की सुनवाई में तेजी, मंदिर निर्माण की मांग में तीव्रता और मंदिर के समर्थन में थोक के भाव में खड़े हो रहे मुस्लिमों से बदलाव स्पष्ट परिलक्षित हो रहा है। मंदिर निर्माण को लेकर बेताबी शिखर की ओर है।
तीन दशक पूर्व कारसेवक की भूमिका में रहे पूर्व प्राचार्य रामकृष्ण शास्त्री की मानें तो देश की सर्वोच्च अदालत को बखूबी ज्ञात है कि विवाद का पटाक्षेप कितनी शीघ्रता से और किस रूप में होना चाहिए। सारी विधिक औपचारिकता भी पूरी है। ऐसे में यह विश्वास स्वाभाविक है कि मंदिर निर्माण के लिए लंबी प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी। निर्णायक सुनवाई शुरू होने की पूर्व बेला में मंदिर के प्रति आस्था व्यक्त करने न्यास कार्यशाला पहुंचे अदालत में राममंदिर के पैरोकार एवं नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास के अनुसार मंदिर निर्माण के लिए दैवी संयोग बन रहा है और आश्चर्य नहीं कि अदालत ही अगली कुछ तारीखें में मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दे। विचित्रवीर्य हनुमान मंदिर के महंत रामकृष्णदास कहते हैं, अदालत के साथ प्रधानमंत्री पर भी भरोसा है और यदि अदालत ने निर्णय नहीं दिया तो सरकार मंदिर के लिए कानून बनाएगी।
सहस्त्रधाराघाट स्थित सरयू तट पर बंदी का दिन होने की वजह से पर्यटकों का प्रवाह कुछ सघन होता है। सरयू की नित्य आरती कराने वाली संस्था आंजनेय सेवा संस्थान के अध्यक्ष महंत शशिकांतदास रविवार को कुछ पूर्व से ही पुण्यसलिला की आरती के यत्न में लगे होते हैं। इसी बीच'जागरण'से मुखातिब शशिकांतदास कहते हैं कि अदालत के निर्णय से यदि मंदिर निर्माण का भविष्य प्रशस्त होगा तो मंदिर निर्माण से अयोध्या का भविष्य प्रशस्त होगा और वह दिन दूर नहीं जब अयोध्या धर्म, संस्कृति एवं पर्यटन की दुनिया के शीर्ष पर होगी। मंदिर निर्माण के लिए मुस्लिम महिलाओं ने किया हवन
- मंदिर निर्माण के प्रति बेकरारी मुस्लिम महिलाओं के हवन से बयां हुई। मंदिर के समर्थन में अभियान चलाने वाले बब्लू खान के साथ आधा दर्जन से अधिक बुर्कानशीं महिलाओं एवं इतने ही मुस्लिमों-मौलानाओं का समूह मध्याह्न तपस्वीजी की छावनी पहुंचा और वहां के महंत परमहंसदास के संयोजन में विधि-विधान से करीब आधा घंटा हवन-पूजन किया। मंदिर निर्माण के लिए 12 दिनों तक अनशन कर सुर्खियों में आए परमहंसदास ने कहा, इस अनुष्ठान से यह साबित हुआ है कि मंदिर निर्माण के लिए मुस्लिमों का समर्थन पूरे दिल से है और सरकार को ¨हदुओं ही नहीं मुस्लिमों की भी भावना के अनुरूप मंदिर का निर्माण विलंब कराना चाहिए। बब्लू खान ने कहा, कोर्ट का फैसला जल्द आए और ¨हदू-मुस्लिम मिलकर मंदिर का निर्माण करें। मंदिर के लिए तराशी गई शिलाओं को साफ करेंगे मुस्लिम
- बब्लू खान ने एलान किया कि दशकों से राममंदिर के लिए तराशी जा रही शिलाओं में काई लग गई है और मुस्लिम समाज के लोग दीपावली के बाद इन शिलाओं की सफाई का अभियान चलाएंगे।