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Ram Temple News: मंदिर परिसर में ही साकार होगा रामकथा कुंज का सपना, 2014 से बन रही हैं मूर्तियां

अशोक सिंहल ने की थी अयोध्या में रामकथा कुंज की परिकल्पना वर्ष 2014 में अलग से कार्यशाला की स्थापना भी की गई।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 11:58 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 11:58 AM (IST)
Ram Temple News: मंदिर परिसर में ही साकार होगा रामकथा कुंज का सपना, 2014 से बन रही हैं मूर्तियां

अयोध्या [नवनीत श्रीवास्तव]। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के भव्य मंदिर के साथ ही मंदिर आंदोलन के शिल्पी स्व.अशोक सिंहल ने एक ऐसे कथा कुंज का सपना देखा था, जहां प्रतिमाओं में रामलीला परिलक्षित हो। उन्होंने 1990 में अधिग्रहीत परिसर की 42 एकड़ जमीन पर ही रामकुंज विकसित करने की योजना बनाई थी। इसके लिए वर्ष 2014 में अलग से कार्यशाला की स्थापना भी की गई और मूर्तियों को भी गढ़ा जाने लगा।

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वर्ष 1991 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने विवादित भूमि के इर्द-गिर्द नजूल की 42 एकड़ भूमि न्यास के नाम सौ साल के लिए पट्टा कर दी, हालांकि वर्ष 1992 में ढांचा ध्वंस के बाद जनवरी 1993 में न्यास को पट्टा की गई 42 एकड़ सहित विवादित स्थल के इर्द-गिर्द 67.77 एकड़ भूमि केंद्र सरकार ने अधिग्रहीत कर ली। भूमि पर किसी भी प्रकार का निर्माण निषिद्ध कर दिया गया, लेकिन अब यह भूमि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपी जा चुकी है।

निर्मित होनी हैं 125 प्रसंगों की मूर्तियां

रामकथाकुंज प्रकल्प के तहत 125 से ज्यादा प्रतिमाएं निर्मित होनी हैं। इन मूर्तियों को इस तरह बनाया जा रहा है कि यह भगवान राम के बाल्यकाल से लेकर सरयू में गुप्त होने तक के सभी प्रमुख प्रसंगों को जीवंत कर सकें। प्रत्येक प्रसंग में औसतन छह मूर्तियां और प्रसंग के अनुरूप छवियों का अंकन होना है। अब तक पुत्रयेष्टि यज्ञ से लेकर रामजन्म, बाललीला, वशिष्ठ के आश्रम में विद्या अध्ययन, विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा, ताड़का, सुबाहु वध, सीता जन्म, अहिल्या उद्धार, सीता स्वयंवर, वनवास के प्रसंगों को आकार दिया जा चुका है।


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