Move to Jagran APP

Sita-Ram Vivah Utsav in Ayodhya: जनकपुर का प्रतिनिधि है जानकी महल, यहां पढ़ें सीताराम विवाहोत्सव की रोचक बातें

आठ दशक पूर्व सीता को बेटी के भाव से मानने वाले सुप्रसिद्ध उद्यमी मोहन बाबू ने जनकपुर के जानकीमहल की स्थापना की थी। मोहन बाबू के गहन अनुराग के अनुरूप स्थापित जानकीमहल साधना के साथ सेवा का भी प्रमुख केंद्र सिद्ध हुआ।

By Jagran NewsEdited By: Vrinda SrivastavaPublished: Fri, 25 Nov 2022 06:04 PM (IST)Updated: Fri, 25 Nov 2022 06:04 PM (IST)
Sita-Ram Vivah Utsav in Ayodhya: जनकपुर का प्रतिनिधि है जानकी महल, यहां पढ़ें सीताराम विवाहोत्सव की रोचक बातें
रामनगरी में जनकपुर का प्रतिनिधि है जानकी महल।

अयोध्या, संवाद सूत्र। साधना एवं सेवा के शीर्ष केंद्रों में शुमार जानकीमहल को रामनगरी में जनकपुर का प्रतिनिधि माना जाता है। सीताराम विवाहोत्सव के अवसर पर जानकीमहल की यह पहचान फलक पर होती है। यहां मां जानकी बेटी और श्रीराम का विग्रह दामाद के तौर पर स्थापित है। आठ दशक पूर्व इसकी स्थापना मोहन बाबू के नाम से प्रसिद्ध देवरिया निवासी उद्यमी मोहनलाल केजरीवाल ने की थी।

loksabha election banner

मोहनलाल केजरीवाल संतों की उस उपासना परंपरा में दीक्षित थे, जो मां सीता को अनन्य मानकर श्रीराम की उपासना करते हैं। वह मां सीता को बेटी मानते थे और इसी भाव के अनुरूप उन्होंने अपनी सर्वस्व संपदा अर्पित करते हुए 1943 में जानकीमहल की स्थापना की। मोहन बाबू के गहन अनुराग के अनुरूप स्थापित जानकीमहल साधना के साथ सेवा का भी प्रमुख केंद्र सिद्ध हुआ।

जानकीमहल के ट्रस्टी एवं मोहन बाबू के दौहित्र के वंशज आदित्य सुल्तानिया के अनुसार चूंकि जानकीमहल की स्थापना किशोरी जी के महल के रूप में हुई, इसलिए यहां समस्त उत्सव मिथिला अथवा जनकपुर की परंपरा के अनुरूप संपादित होती है। भगवान की नित्य अष्टयाम सेवा भी मिथिला गायन पद्धति से युक्त होती है। जानकी जन्मोत्सव एवं राम विवाहोत्सव के अवसर पर भी जानकीमहल का मां जानकी से गहन सरोकार अर्पित होता है।

मां सीता परम ऐश्वर्य के साथ संवेदना और करुणा की अजस्र स्रोत के रूप में प्रतिष्ठापित हैं और आराध्य की इस महिमा के अनुरूप जानकी महल मां सीता एवं श्रीराम के मुख्य मंदिर के अलावा बजरंगबली, विघ्न विनाशक, शिव परिवार आदि के उप मंदिरों से भी युक्त है। मंदिर का भव्य प्रांगण साज-सुविधा युक्त शताधिक कमरों और अनेक सभागार से संपन्न है, जिसमें बराबर कथा-प्रवचन होते रहते हैं। मंदिर विशाल गोशाला से भी समृद्ध है।

मंदिर में कई दशक से अखंड सीताराम संकीर्तन भी संचालित है। जानकीमहल ट्रस्ट की ओर से गरीबों के लिए अन्न क्षेत्र और धर्मार्थ चिकित्त्सालय भी संचालित है। चिकित्सालय में एलोपैथी, होम्योपैथी, नेत्र विभाग, फिजियोथेरेपी आदि आयाम स्थापित हैं और इससे प्रतिदिन सैकड़ों लोग लाभांवित होते हैं।

फुलवारी, बरात एवं राम कलेवा से प्रवाहित होती है भव्यता : जानकीमहल में सीताराम विवाहोत्सव अत्यंत भव्यता से मनाया जाता है। सीताराम विवाहोत्सव अगहन शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है, किंतु यहां उत्सव का आरंभ द्वितीया को ही रामार्चा महायज्ञ, रामलीला मंचन और गणेश पूजन से होता है। तृतीया के दिन श्रीराम-सीता के प्रथम मिलन का प्रसंग फुलवारी की लीला के रूप में यहां पूरी जीवंतता से मनाया जाता है। यहां की फुलवारी लीला अपने आकर्षण के लिए प्रसिद्ध है। विवाहोत्सव के दिन भव्य बरात एवं अगले दिन कुंवर कलेवा के रूप में 56 भोग का अर्पण भी शानदार होता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.