आइटी के समानांतर प्रबंधन विभाग को विकसित करने की तैयारी
प्रबंधन विभाग को विकसित करने की तैयारी चल रही है। विवि प्रशासन की कोशिश से प्रबंधन विभाग में गत वर्ष दो नए पाठ्यक्रम शुरू हो गए हैं तो आगामी सत्र में भी दो नए पाठ्यक्रम संचालित करने की योजना है। इस बार टूरिज्म (पर्यटन )व हॉस्पटलिटी प्रबंधन का पीजी स्तर का कोर्स शुरू होगा। इसकी प्रवेश प्रक्रिया भी आरंभ हो चुकी है। परास्नातक स्तर पर फुल टाइम के इन दोनों पाठ्यक्रमों के संचालित होने के साथ ही एमबीए विभाग विश्वविद्यालय का दूसरा सबसे बड़ा विभाग हो जाएगा। मौजूदा समय तकरीबन पांच सौ छात्र अध्ययन कर रहे हैं। वहीं तकरीबन 1
अयोध्या : डॉ.राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में इंजीनियरिग इंस्टीट्यूट के समानांतर प्रबंधन विभाग को विकसित करने की तैयारी चल रही है। विवि प्रशासन की कोशिश से प्रबंधन विभाग में गत वर्ष दो नए पाठ्यक्रम शुरू हो गए हैं तो आगामी सत्र में दो नए पाठ्यक्रम संचालित करने की योजना है। इस बार टूरिज्म (पर्यटन) व हॉस्पिटलिटी प्रबंधन का पीजी स्तर का कोर्स शुरू होगा। इसकी प्रवेश प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। परास्नातक स्तर पर फुलटाइम के दोनों पाठ्यक्रमों के संचालित होने के साथ एमबीए विभाग विश्वविद्यालय का दूसरा सबसे बड़ा विभाग हो जाएगा। मौजूदा समय में तकरीबन पांच सौ छात्र अध्ययन कर रहे हैं और 18 शिक्षक हैं। छात्र, शिक्षक व पाठ्यक्रम के लिहाज से एमबीए विभाग से आगे सिर्फ विवि का तकनीकी संस्थान है।
अविवि के तकनीकी संस्थान में बीटेक छह ब्रांचों में है। इसमें आइटी, सीएस, मैकेनिकल, इलेक्ट्रानिक्स कम्युनिकेशन इंजीनियरिग, सिविल, इलेक्ट्रिकल में बीटेक की पढ़ाई होती है। गत वर्ष से एमटेक की पढ़ाई शुरू हुई। आइटी, सीएस, मैकेनिकल, इटी में एमटेक का पाठ्यक्रम चल रहा है। चार ब्रांचों में पार्ट टाइम एमटेक संचालित है। दूसरी ओर प्रबंधन विभाग में परास्नातक स्तर पर एमबीए, एमबीए एग्री व एमबीए फाइनेंस कोर्स चल रहे हैं तो स्नातक स्तर पर बीबीए व बीसीए पाठ्यक्रम संचालित है। नए सत्र में एमबीए इन टूरिज्म व एमबीए इन हॉस्पिटलिटी प्रबंधन की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इसे कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित के प्रयासों का नतीजा माना जा रहा है।
-टूरिज्म व हॉस्पिटलटी प्रबंधन तेजी से विकसित होता ऐसा क्षेत्र है, जहां रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। छोटे से लेकर बड़े जिलों तक टूरिज्म व हॉस्पिटलटी प्रबंधन क्षेत्र में रोजगार विकसित हो रहा है। इसीलिए इन दोनों पाठ्यक्रमों को शुरू कराने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही एमबीए एग्री, फाइनेंस, बीबीए व बीसीए जैसे रोजगारपरक पाठ्यक्रम संचालित हैं।
-प्रो.आरएन राय, विभागाध्यक्ष
व्यवसाय प्रबंध एवं उद्यमिता विभाग अवध विवि