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..जो धरा पर गिर पड़े पर आसमानी हो गए

कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की तो सभी की आंखे नम हो गई और जीआईसी मैदान में कुछ समय के लिए सन्नाटा पसर गया। मिल्कीपुर के भाजपा विधायक बाबा गोरखनाथ की ओर से अयोजित एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम में जुटी भीड़ कुमार विश्वास को सुनने को आतुर दिखी। कुमार ने अपनी चर्चित रचनाओं में शुमार- मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है कभी कबिरा दिवाना था कभी मीरा दिवानी है यहां सब लोग कहते है मेरी आखों में आ

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Mar 2019 11:01 PM (IST)Updated: Sat, 02 Mar 2019 11:01 PM (IST)
..जो धरा पर गिर पड़े पर आसमानी हो गए

अयोध्या : भारत के सपूत विग कमांडर अभिनंदन ने जैसे ही भारत की धरती पर कदम रखा, वैसे ही श्रृंगार के कवि कुमार विश्वास वीर रस से भर उठे। उन्होंने राजकीय इंटर कॉलेज में उपस्थित जनसमूह को इसकी सूचना देते हुए उल्लास का बंद पढ़ा, आज मन के सिधु में उमड़ा अनोखा ज्वार है/ देख लो फिर से भारत शक्ति का अंबार है।

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शहीदों और देश की सुरक्षा में लगे सैन्य और अर्धसैन्य बलों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के साथ देश की एकता और अखंडता का संदेश दिया। अवसर था, मिल्कीपुर के भाजपा विधायक गोरखनाथ बाबा की ओर से आयोजित कवि सम्मेलन एक शाम शहीदों के नाम का। जीआइसी के खचाखच भरे मैदान में अभिनंदन के आगमन की खुशी का इजहार मोबाइल फोन की रोशनी के माध्यम से उपस्थित जनसमूह ने किया। उन्होंने देश के वीर सपूतों को समर्पित कविता 'चांदनी मन आह आंसू प्यार सपने/ राष्ट्र के हित कर गए सब कुछ हवन/ तुमको नमन है/ है नमन उनको कि जिनको मृत्यु पा कर हुई पावन/ है नमन उनको जो इस देह को अमरत्व देकर/ इस जगत में शौर्य की जीवित कहानी हो गए/ है नमन उनको जिनके सामने बौना हिमालय/ जो धरा पर गिर पड़े पर आसमानी हो गए' के माध्यम से शहीदों के परिवारजनों के जज्बात को स्वर दिया।

कार्यक्रम का उद्घाटन सांसद लल्लू सिंह एवं डॉ. हरिओम पांडेय, बीकापुर की विधायक शोभा सिंह, अमित सिंह, विधायक गोरखनाथ बाबा औऱ भाजपा जिलाध्यक्ष अवधेश पांडेय बादल ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कवियों के सम्मान में गोसाईंगंज के विधायक इंद्रप्रताप तिवारी खब्बू एवं युवा नेता अभय सिंह मौजूद थे। कवि सम्मेलन के दौरान विधायक गोरखनाथ बाबा की शीघ्र प्रकाश्य पुस्तक कोई पागल समझता है के कवर का अनावरण किया गया। इस पुस्तक के सह लेखक अरुण ने अपने विचार व्यक्त किए। कवि सम्मेलन का प्रारंभ कवयित्री डॉ. ममता शर्मा ने सरस्वती वंदना से की। उन्होंने 'जिसने सोचा नहीं वतन के सिवा/ सारा जीवन ही जिसने वतन को दिया/ उनको क्या और हम दें नमन के सिवा' के माध्यम से एक शाम शहीदों के नाम के आयोजन को सार्थकता प्रदान की। कुमार विश्वास ने अपने प्रसिद्ध गीत 'किसी के दिल की मायूसी जहां से हो के गुजरी है/ मैं अपने गीत गजलों से उसे पैगाम करता हूं/ उसकी दी हुई दौलत उसी के नाम करता हूं/ कोई दीवाना कहता है/ कोई पागल समझता है' के माध्यम से समां बांधा। कार्यक्रम का संचालन दिनेश बावरा ने किया। इस मौके पर महापौर ऋषिकेश उपाध्याय, जिलाधिकारी अनुजकुमार झा, एसएसपी जोगेंद्रकुमार, भाजपा नेता सुनील तिवारी, परमानंद शुक्ल, राजूदास, कृष्णकुमार पांडेय खुन्नू, मुन्ना सिंह आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। राजनीति में मिला दर्द भी छलका

-कुमार विश्वास इस मौके पर राजनीति में मिले दर्द को जाहिर करने से नहीं चूके और सुनाया, पुरानी दोस्ती को/ इस नई ताकत से मत तोलो/ ये संबंधों की तुरपाई है/ षड्यंत्रों से मत खोलो।


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