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Shri Ram Mandir : PM मोदी नहीं चाहते निर्माण में गुणवत्ता से समझौता, NSG की सुरक्षा में रहेंगे रामलला

Shri Ram Mandir प्रधानमंत्री की भावनाओं से अवगत हो अयोध्या पहुंचे नृपेंद्र मिश्र। रामलला को ब्लैक कैट कमांडो की निगरानी में रखे जाने की भी तैयारी।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 01 Mar 2020 08:48 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 07:39 AM (IST)
Shri Ram Mandir : PM मोदी नहीं चाहते निर्माण में गुणवत्ता से समझौता, NSG की सुरक्षा में रहेंगे रामलला

अयोध्या, जेएनएन। Shri Ram Mandir : रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी तरह से सजग और संवेदनशील हैं। यह संकेत श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के दौरे से मिला। सूत्रों के अनुसार, अयोध्या दौरे से पूर्व मिश्र को प्रधानमंत्री ने राममंदिर से जुड़ी अपनी भावनाओं से अवगत कराया और यह ताकीद की कि राममंदिर निर्माण में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। साथ ही मंदिर निर्माण में अकारण विलंब भी नहीं होना चाहिए।

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प्रधानमंत्री राममंदिर की सुरक्षा को लेकर भी पूरी तरह से सजग बताए गए हैं और उन्हीं की भावनाओं एवं चिंता के अनुरूप रामलला को ब्लैक कैट कमांडो की सुरक्षा में रखे जाने की तैयारी है। यह व्यवस्था जल्द ही वैकल्पिक गर्भगृह में विराजने जा रहे रामलला को लेकर होने के साथ स्थायी मंदिर के गर्भगृह की सुरक्षा में भी लागू होगी। प्रधानमंत्री से रामलला का जुड़ाव उस अपेक्षा और संभावना से भी बयां है, जिसके चलते उम्मीद की जा रही है कि मंदिर निर्माण का शिलान्यास उनके हाथों से हो।

मंदिर आंदोलन से जुड़े लोगों, आम रामभक्तों और समीक्षकों का यह भी भरोसा है कि मंदिर निर्माण की संभावना प्रधानमंत्री की दिलचस्पी के ही चलते प्रशस्त हुई है। समीक्षकों का मानना है कि वे प्रधानमंत्री ही थे, जिन्होंने सुप्रीमकोर्ट में मंदिर मामले की डे बाई डे सुनवाई सुनिश्चित कराने का वातावरण तैयार किया और इसी प्रयास के चलते मंदिर निर्माण का 492 वर्ष पुराना स्वप्न साकार होने को है।

 

क्‍या है ब्लैक कैट कमांडो ?

नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) कमांडो को 'ब्लैक कैट कमांडो' के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, यह कमांडो विशेष ऑपरेशन के दौरान पूरी तरह काली वर्दी, काला नकाब और हेलमेट पहनते हैं। यह स्पेशल फोर्स गृह मंत्रालय के अधीन काम करती है, जिसे भारतीय पुलिस सर्विस का 'डायरेक्टर जनरल' लीड करता है। NSG को दो भागो में विभाजित किया गया है पहला 'स्पेशल एक्शन ग्रुप' (SAG)  और दूसरा ‘स्पेशल रेंजर ग्रुप्स’ (SRG)। इस आक्रामक विंग भारतीय सेना की इकाइयों से तैयार है।


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