परमहंसदास गंगाजल पीकर करेंगे मंदिर निर्माण के लिए तपस्या
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अयोध्या : तपस्वीजी की छावनी के महंत परमहंसदास रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए प्रयाग में गंगाजल पीकर तपस्या करेंगे। शुक्रवार को पूर्वाह्न परमहंसदास बैलगाड़ी से प्रयाग के लिए रवाना हुए। प्रयाग रवाना होने से पूर्व परमहंसदास का निष्काम सेवा ट्रस्ट के व्यवस्थापक महंत रामचंद्रदास ने अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि परमहंसदास जिस ²ढ़ता और सात्विकता से मंदिर निर्माण के लिए यत्न कर रहे हैं। वह संत समाज को गौरवांवित करने वाला है।
महंत रामचंद्रदास ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र मंदिर का निर्माण निरंतर भव्यता की ओर अग्रसर है। परमहंसदास सरीखे यशस्वी संतों के गहन अनुष्ठान से राममंदिर का निर्माण भी संभव है। इससे पूर्व परमहंसदास ने कहा, सरकार और न्यायालय से जुड़ी मंदिर निर्माण की उम्मीद फलीभूत होती नहीं दिख रही है। सुप्रीमकोर्ट तारीख पर तारीख देता जा रहा है। ऐसे में संतों के पास पूजा-प्रार्थना ही बचा है। उन्होंने बताया कि प्रयाग के कुंभ मेला क्षेत्र में 14 जनवरी से 20 फरवरी तक वे अखंड रामजप के माध्यम से मंदिर निर्माण की कामना करेंगे और इस दौरान मात्र गंगाजल के सेवन से वे अपना जीवन निर्वहन करेंगे। -------------इनसेट-------- मंदिर के लिए कठिन साधना के पर्याय - महंत परमहंसदास मंदिर निर्माण के लिए कठिन साधना के पर्याय बनते जा रहे हैं। गत वर्ष एक से 12 अक्टूबर तक उन्होंने राममंदिर के लिए अनशन किया। ..तो गत छह दिसंबर को ढांचा ध्वंस की बरसी पर आत्मदाह के एलान के चलते उन्हें 20 दिन तक जेल में रहने के बाद जमानत हासिल हो सकी और अब वे 37 दिन तक प्रयाग में गंगातट पर मात्र गंगाजल पीकर मंदिर निर्माण के लिए तपस्या करेंगे।