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अतिशीघ्र प्रशस्त हो राममंदिर निर्माण का मार्ग

अयोध्या : शीर्ष पीठ मणिरामदासजी की छावनी के महंत, रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एवं वैष्णव जगत के

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 11:32 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jun 2018 11:32 PM (IST)
अतिशीघ्र प्रशस्त हो राममंदिर निर्माण का मार्ग
अतिशीघ्र प्रशस्त हो राममंदिर निर्माण का मार्ग

अयोध्या : शीर्ष पीठ मणिरामदासजी की छावनी के महंत, रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एवं वैष्णव जगत के दिग्गज संत महंत नृत्यगोपालदास के 10 दिवसीय 80वें जन्मोत्सव का उद्घाटन अवसर पर उनके सहित रामजन्मभूमि एवं संपूर्ण संत परंपरा के प्रति अनुराग परिलक्षित हुआ। छावनी ट्रस्ट की ओर से संचालित संत तुलसीदास योग एवं प्राकृतिक चिकित्सालय परिसर के भव्य पंडाल में संयोजित उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि भानुपुरा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी दिव्यानंद रहे। उन्होंने कहा, यह शर्मनाक है कि हम अपने आदर्शों की विरासत नहीं संरक्षित कर पा रहे हैं। होना यह चाहिए कि रामजन्मभूमि पर अतिशीघ्र मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो। शंकराचार्य ने कहा, जब सुप्रीमकोर्ट यह स्पष्ट कर चुका है कि यह विवाद मंदिर-मस्जिद का नहीं भूमि विवाद का है। ऐसे में डीएम के एक आदेश से रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए भूमि सुलभ हो सकती है। उन्होंने कहा, शासन-प्रशासन की बुद्धि में बैठकर भगवान स्वयं यह काम कराएं।

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शंकराचार्य ने मंदिर आंदोलन के उस दौर को भी याद किया, जब महंत नृत्यगोपालदास मंदिर के आग्रह की आवाज बने हुए थे। उन्होंने उद्घाटन सत्र के बाद इसी पंडाल में शुरू हो रहे भागवतकथा को ध्यान में रखकर कहा, भागवत से हमें मृत्यु के तांडव के बीच अविचलित रहने की सीख मिलती है। इससे पूर्व समारोह के विशिष्ट अतिथि गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा, राम का चरित्र केवल ¨हदुओं या भारत ही नहीं पूरी मानवता का प्रेरक है। उन्होंने कहा, दुनिया को भौतिकवाद के अंधकूप से निकालने की साम‌र्थ्य भारत में ही है और महंत नृत्यगोपालदास जैसे मनीषियों-संतों की प्रेरणा से हमें इस जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा। अखिल भारतीय आचार्य सभा के अध्यक्ष स्वामी परमात्मानंद ने कहा, राममंदिर निर्माण के साथ सभी नागरिकों के हृदय में राम का प्राकट्य हो, महंत नृत्यगोपालदास की इस संकल्पना को पूर्ण करने का हम सभी संकल्प लें। इलाकाई सांसद लल्लू ¨सह ने कहा, आने वाले समय में अयोध्या नए रूप में दिखेगी और इस दिशा में प्रयास राममंदिर निर्माण के पूर्व अयोध्या को सज्जित करने की है। विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र ¨सह पंकज ने कहा, महंत नृत्यगोपालदास की प्रेरणा से हम मंदिर निर्माण के लिए भगवान से शक्ति मांगते हैं। जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य ने भी विचार रखे और नृत्यगोपालदास को जन्मोत्सव की बधाई दी।

संचालन रामकुंज के महंत रामानंददास ने किया।

इस मौके पर महंत नृत्यगोपालदास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास, रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमारदास, दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेशदास, अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैयादास रामायणी, आंजनेय सेवा संस्थान के अध्यक्ष महंत शशिकांतदास, पत्थर मंदिर के महंत मनीषदास, सीतावल्लभकुंज के अधिकारी छविरामदास, वैदिक आचार्य पं. श्रुतिधर द्विवेदी, मधुकरी संत मिथिलाबहारीदास आदि सहित हजारों की संख्या में संत एवं श्रद्धालु मौजूद रहे।

शोभायात्रा के साथ बिखरी उत्सव की छटा

-महंत नृत्यगोपालदास के 10 दिवसीय जन्मोत्सव की छटा सोमवार को प्रात: मणिरामदासजी की छावनी से निकली शोभायात्रा से बिखरी। नृत्यगोपालदास स्वयं भी वाहन में सवार हो नगरी की परिक्रमा के लिए निकले। वैष्णवी मर्यादा के अनुरूप शोभायात्रा के केंद्र में आराध्य के युगल स्वरूप अधिष्ठित किए गए। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में संतों-श्रद्धालुओं से युक्त चारपहिया वाहन से लेकर पालकियां भी शामिल थीं। एक पालकी पर आचार्यपीठ दशरथमहल बड़ास्थान के महंत ¨वदुगाद्याचार्य देवेंद्रप्रसादाचार्य, तो दूसरी की शोभा महंत कन्हैयादास एवं नृत्यगोपालदास की ही शिष्य परंपरा के महंत अर्जुनदास बढ़ा रहे थे। शोभायात्रा में सैकड़ों ध्वजवाही आचार्य एवं ब्रह्मचारियों सहित बड़ी संख्या में गृहस्थ एवं विरक्त शिष्य भी शामिल हुए। शोभायात्रा का संयोजन महंत नृत्यगोपालदास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास ने रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमारदास, नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास, महापौर ऋषिकेश उपाध्याय, विधायक वेदप्रकाश गुप्त, जिला भाजपाध्यक्ष अवधेश पांडेय बादल, हनुमानगढ़ी से जुड़े महंत रामकुमारदास, महंत शशिकांतदास, डांड़िया मंदिर के महंत गिरीशदास, पार्षद रमेशदास एवं अनुजदास, मधुकरी संत मिथिलाबिहारीदास, विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा, समाजसेवी अनिरुद्ध शुक्ल, आनंद शास्त्री आदि के साथ किया। शोभायात्रा का जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।

निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर

- महंत नृत्यगोपालदास के जन्मोत्सव की शुरुआत निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर के साथ हुई। वे जिस दीनबंधु नेत्र चिकित्सालय के संस्थापक-संरक्षक हैं, शिविर उसी चिकित्सालय में 25 जून तक प्रस्तावित है। इस दौरान जितने भी मरीज पंजीकृत होंगे, उनके आंखों की मुफ्त जांच, इलाज एवं जरूरत पड़ने पर आपरेशन भी किया जाएगा। दीनबंधु नेत्र चिकित्सालय में एक लाख से अधिक मोतिया¨बद के आपरेशन निशुल्क किए जा चुके हैं।

भागवत पारायण एवं कथा की बही धार

- जन्मोत्सव के क्रम में 108 से अधिक संस्कृतज्ञों ने भागवत पाठ शुरू किया और उद्घाटन सत्र के बाद प्रख्यात भागवतकथा मर्मज्ञ कृष्णचंद्र ठाकुर ने प्रवचन का राग छेड़ा। उन्होंने मार्मिक व्याख्या, सटीक ²ष्टांत एवं मधुर भजनों से देर शाम तक श्रद्धालुओं को विभोर रखा। इससे पूर्व राजकुमारदास ने कथाव्यास का अभिनंदन किया।


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