अयोध्या विवाद निपटारे को नया प्रस्ताव, 10502 लोगों ने किये हस्ताक्षर
रामजन्म भूमि विवाद समझौता से हल करने की मुहिम निर्णायक मुकाम की ओर है। मुहिम के सूत्रधार सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति पलोक बसु ने एेसा रास्ता निकाला है कि दोनो पक्ष संतुष्ट हैं।
अयोध्या (जेएनएन)। रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद समझौता से हल करने की मुहिम रविवार को निर्णायक मुकाम की ओर बढ़ी। रविवार को इस मुहिम के सूत्रधार सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति पलोक बसु और अयोध्या-फैजाबाद नागरिक समझौता समिति के अध्यक्ष महंत जन्मेजयशरण, उपाध्यक्ष आफताब रजा रिजवी, महासचिव सादिक अली बाबू भाई, सचिव ज्ञानप्रकाश श्रीवास्तव एवं मंजर मेंहदी, संयुक्त सचिव फरीद सलमानी, शोभा मित्रा, अब्दुल लतीफ एवं नागा रामलखनदास तथा सदस्य रियासत अली शाह, अब्दुल हसन, इश्तियाक सलमानी एवं महंत रामटहलशरण ने मंडलायुक्त तथा परिसर के पदेन रिसीवर सूर्यप्रकाश मिश्र को 10 हजार 502 हस्ताक्षरित प्रपत्र सौंपे। साथ ही मांग की कि मंडलायुक्त नागरिकों की आकांक्षा से सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराएं। ताकि कोर्ट उनकी भावनाओं को संज्ञान में लेते हुए मामले के हल की दिशा में बढ़े। हस्ताक्षरित प्रपत्र में समझौते का फार्मूला इंगित है। इसके अनुसार जिस स्थल पर रामलला विराजमान हैं और हाईकोर्ट ने सितंबर 2010 के निर्णय में जिस स्थल को रामलला के हिस्से का माना है, वहां मंदिर का निर्माण हो और गर्भगृह से ही लगे जिस भाग को अदालत ने मुस्लिम पक्ष को सौंपने का आदेश दिया है, उसे मुस्लिमों के हवाले किया जाय। यद्यपि मुस्लिम पक्ष इस जगह पर कोई निर्माण नहीं करेगा और मुस्लिमों को मस्जिद बनाने के लिए अधिग्रहीत परिसर के पूर्वी-दक्षिणी कोने पर जमीन दी जाय।