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कृषि विवि में शुरू हुई रीपर मशीन से गेहूं की कटाई

सब सब मोदी की एक छलक पाने को बेताब थे।अअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअअ

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 May 2019 10:45 PM (IST)Updated: Wed, 01 May 2019 10:45 PM (IST)
कृषि विवि में शुरू हुई रीपर मशीन से गेहूं की कटाई
कृषि विवि में शुरू हुई रीपर मशीन से गेहूं की कटाई

अयोध्या : नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के प्रक्षेत्रों पर गेंहू फसल की कटाई रीपर मशीन से शुरू हो गई। अब तक लगभग 40 एकड़ गेंहू की कटाई की जा चुकी है। संसाधनों के बेहतर उपयोग तथा फसल अवशेष के उपयोग की ²ष्टि से रीपर मशीन का प्रयोग अहम है। कंबाइन से कटाई होने के बाद भूसे की अनुपलब्धता की वजह से अबतक विश्वविद्यालय की डेयरी के लिए भूसा टेंडर से खरीदा जाता रहा। इतना ही नहीं भूसे की गुणवत्ता भी ठीक नहीं रहती थी।

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कुलपति प्रो. जेएस संधू ने वैज्ञानिकों के साथ जब रीपर से कटाई के फायदे नुकसान की आकलन किया तो पता चला कि इस प्रक्रिया में प्रति हेक्टेयर पांच हजार का व्यय आ रहा है। लगभग 15 हजार का भूसा बच जाता है। फसल कटाई में रीपर के उपयोग का अवलोकन विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को कराया जा रहा है। इसके लाभ व संचालन की विधि से अवगत कराया जा रहा है। कुलपति ने कहा कि उनका प्रयास यही है कि विश्वविद्यालय अपने संसाधनों का बेहतर उपयोग करे।


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