महाअष्टमी पर हर ओर रही माता के जयकारों की गूंज
अयोध्या रविवार को शारदीय नवरात्र की अष्टमी पर देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं का ताता लगा रहा।
अयोध्या : रविवार को शारदीय नवरात्र की अष्टमी पर देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं का ताता लगा रहा। मंदिरों में देवी माता का दर्शन-पूजन करने को भोर से ही श्रद्धालु कतारबद्ध हो अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। शहर के साथ ही ग्रामीण इलाकों के मंदिरो में भक्तों का खासा जमावड़ा रहा। श्रद्धालुओं ने मा महागौरी का ध्यान कर मंत्र का जाप किया। दिन भर यज्ञ-अनुष्ठान का सिलसिला चलता रहा। भक्तों ने घटे-घड़ियाल के साथ देवी माता का आरती पूजन कर मन्नतें मागी।
शहर में बड़ी देवकाली, छोटी देवकाली, मरी माता मंदिर, पाटेश्वरी, जालपा मंदिर, पहाड़गंज स्थित मा काली मंदिर, चौक स्थित दुर्गा मंदिर, नाका हनुमानगढ़ी स्थित दुर्गा व काली मंदिर, लोटनी भवानी, चुटकी माता मंदिर समेत देवी पीठों पर पर दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने देवी माता का दर्शन पूजन किया। रुदौली स्थित कामाख्या भवानी व सोहावल स्थित श्री अध्यात्म
शक्ति पीठ पर स्थानीय के साथ ही दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं ने देवी माता की पूजा आराधना की। नगर के साथ मिल्कीपुर, पूराबाजार, रुदौली, कुमारगंज,सोहावल, बीकापुर समेत अन्य इलाकों में देवी मंदिरों में माता का दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जमावड़ा रहा। मंदिरों के साथ ही पूजा पंडालों पर भी दिन भर यज्ञ-अनुष्ठान का सिलसिला चलता रहा। पूजा कमेटियों के साथ ही श्रद्धालुओं ने भी हवन-पूजन किया।
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देर रात तक गुलजार रहा शहर
बीती रात शहर देररात तक माता के भक्तों से गुलजार रहा। शहर में बने पूजा
पंडालों पर माता के विविध रूपों का दर्शनपूजन करने को श्रद्धालु दूर-दूर
से जुटे। फतेहगंज स्थित रामजानकी मंदिर में सजी दसो महाविद्या की झाकी
का दर्शन करने को श्रद्धालु कतारबद्ध होकर अपनी बारी का इंतजार करते
दिखे। पूजा कमेटी के अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने देवी माता को 56 भोग भी
लगाया गया। इस मौके पर अशोक अग्रवाल,नीरज सिंघल, अभय रावत, मनीष अग्रहरि, पुनीत अग्रवाल, नंदन,मनमोहन जायसवाल, सुरेश सोनकर, आशीष,रोहित, मोनू सिंह, अभिषेक गुप्ता,रोशन अग्रवाल, विनायक अग्रहिर आदि थे।
इसके साथ ही नाका चुंगी व चौक में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रही। नाका
हनुमानगढ़ी, गणोशनगर मकबरा, रिकाबगंज, मोदहा, रामनगर कॉलोनी समेत अन्य स्थानों पर सजे पूजा पंडालों पर देररात तक जयमाता दी के नारे गूंजते रहे। विभिन्न स्थानों पर सास्कृतिक प्रस्तुतिया भी हुईं।