अयोध्या में दीपोत्सव पर हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता को किया गया नजरबंद, ये थी वजह Ayodhya News
दीपोत्सव के अवसर पर नजरबंद हुए हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता। कारसेवकों के परिवारों की बदहाल स्थिति को संभालने संबंधी सीएम को ज्ञापन सौंपने की बनाई थी योजना।
अयोध्या, जेएनएन। दीपोत्सव के अवसर पर हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व अधिवक्ता मनीष पांडेय को शनिवार को उनके ही घर में ही नजरबंद रखा गया। पांडेय कारसेवकों के परिवार की मदद के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन सौंपना चाहते थे। संबंधित ज्ञापन को लोकल इंटेलिजेंस यूनिट के जिम्मेदारों ने उनके आवास पर ही प्राप्त किया, जिसे मुख्यमंत्री के ओएसडी को सौंपा गया। जिसको देखते हुये प्रशासन ने न सिर्फ नजरबंद किया, बल्कि आवास में ही ज्ञापन लेकर लोकल इंटेलिजेंस यूनिट के प्रमुख के माध्यम से मुख्यमंत्री के ओएसडी को सौंपा गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रेषित ज्ञापन में कहा गया है कि एक बार फिर से यह अवगत कराना है कि 1990 की कार सेवा में हुए गोलीकांड की वजह से अनेक कार सेवक बलिदान हो गए थे। 29 वर्ष बीत जाने के उपरांत अभी दुर्भाग्यवश इन कारसेवकों को आज तक न्याय नहीं मिल पाया। इन 29 वर्षों में न्याय की आस लिए इन पीडि़त परिवारों की आंखें पथरा गई पर न्याय आज तक नहीं मिल पाया। कारसेवकों के नाम पर नारे तो खूब उछाले गए, बड़ी-बड़ी घोषणाएं भी हुई, उनका नाम भाषणो में लोग विधायक व सांसद बने, लेकिन कभी मुड़कर उन परिवारों की ओर देखने का समय उनके पास नहीं था।
अयोध्या में चार परिवार ऐसे हैं जो पूरी तरह से बदहाल स्थिति में अपना जीवन गुजारने को मजबूर हैं। इनमें वासुदेव गुप्त, रमेश पांडेय, राजेंद्र धारकर हैं। चौथा परिवार रुदौली तहसील के शुजागंज निवारी रामअचल गुप्ता का है। पांडेय को पुलिस ने शुक्रवार रात से ही बछड़ा सुल्तानपुर स्थित उनके आवास पर नजरबंद कर दिया था।