नगर निगम में नहीं लाखों की डस्टबिन खरीद के अभिलेख!
अयोध्या नगर निगम अयोध्या का खेल निराला है। सुनकर ताज्जुब होगा कि लाखों रुपये की लागत से खरीदे गए स्टील के कूड़ेदान से संबंधित कोई दस्तावेज नगर निगम में मौजूद नहीं है जबकि डस्टबिन की खरीद हुए अभी सालभर भी नहीं बीता है। ये खुलासा जनसूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआइ) के तहत मांगी गई सूचना से हुआ है। इसे आरटीआइ के साथ मजाक कहेंगे या फिर खरीदफरोख्त पर पर्दा डालने की कोशिश। सूचना के बदले आवेदक को नगर निगम ने जो जवाब दिया है वह काफी गैरजिम्मेदाराना है।
अयोध्या : नगर निगम अयोध्या का खेल निराला है। सुनकर ताज्जुब होगा कि लाखों रुपये की लागत से खरीदे गए स्टील के कूड़ेदान से संबंधित कोई दस्तावेज नगर निगम में मौजूद नहीं है, जबकि डस्टबिन की खरीद हुए अभी सालभर भी नहीं बीता है।
ये खुलासा जनसूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआइ) के तहत मांगी गई सूचना से हुआ है। इसे आरटीआइ के साथ मजाक कहेंगे या फिर खरीदफरोख्त पर पर्दा डालने की कोशिश। सूचना के बदले आवेदक को नगर निगम ने जो जवाब दिया है वह काफी गैरजिम्मेदाराना है। शुरुआत से नगर निगम डस्टबिन खरीद की जानकारियों को पर्दे में रखे है, लेकिन आरटीआइ में ऐसा जवाब मिलेगा, इसकी उम्मीद कम थी।
अधिवक्ता लालजी शुक्ल ने छह बिदुओं पर नगर निगम से सूचना मांगी थी। आइटीआइ के तहत उन्होंने 24 जून को आवेदन किया था। उन्होंने सूचना मांगी थी कि नगर निगम ने स्टील का कूड़ेदान कितनी संख्या और किस ठेकेदार अथवा फर्म से खरीदा था। भुगतान की छाया प्रति और प्रति कूड़ेदान धनराशि का ब्यौरा मांगा था, जिसके जवाब में बताया किया कि कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं है। ये जवाब आवेदनपत्र के बिदु पांच और छह के प्रश्न का है। आगे का सवाल और उसका जवाब भी दिलचस्प है। नयापुरवा से जमथरा की ओर जाने वाली रोड के किनारे बनी नाली, नयापुरवा में मौजूद नगर निगम की जमीन, उक्त भूमि पर बने नाले और उस पर अतिक्रमण पर कार्रवाई से जुड़े दस्तावेज भी नगर निगम में उपलब्ध न होने का हवाला जवाब में दिया गया है। आइटीआइ के तहत मांगी गई सूचना संतोषजनक नहीं है। इसे लेकर सक्षम अधिकारियों से शिकायत की जाएगी। ऐसा संभव नहीं है कि नगर निगम को अपनी संपत्ति और संसाधनों की जानकारी न हो।
-लालजी शुक्ल, आवेदक ---------------------- संबंधित विभागों की ओर से जो जानकारी मिली उसे आवेदक को मुहैया करा दिया गया है। यदि कोई आपत्ति संज्ञान में आती है तो जांच कराई जाएगी।
सुदर्शन चंद्रा, जनसूचना अधिकारी, नगर निगम अयोध्या