हनुमान जी की मां अंजना पूर्व जन्म में अप्सरा थीं : बापू
अयोध्या : हनुमान जी की जाति पर छिड़ी बहस के बीच शीर्षस्थ रामकथा मर्मज्ञ संत मोरारी बापू ने ह
अयोध्या : हनुमान जी की जाति पर छिड़ी बहस के बीच शीर्षस्थ रामकथा मर्मज्ञ संत मोरारी बापू ने हनुमान जी की मां को पूर्व जन्म की अप्सरा बताया। रामकथा से जुड़े शास्त्रों का हवाला देते हुए बापू ने कहा, अप्सरा को श्रापवश कुंतल वानर की पुत्री अंजना का जन्म मिला और संभवत: इसी वजह से हनुमान जी सकल गुण निधान-सकल कला निष्णात हैं। बापू बड़ा भक्तमाल परिसर में रामकथा पर आधारित नौ दिवसीय मानस-गणिका महायज्ञ के सातवें दिन प्रवचन की आहुति डाल रहे थे। इसी के साथ ही बापू ने शास्त्रों में वर्णित अप्सराओं के 64 गुण और कलाएं गिनाईँ। अप्सराओं के गायन और नृत्य रूपी गुण-कला को परिभाषित करते हुए बापू ने कहा, अपनी विद्या के प्रति पूर्ण निष्ठा हो और विक्रय का भाव न हो तो विद्या, विद्यापति के पास पहुंच जाती है। बापू ने गायन-वादन को प्रेम और भक्ति करने वाला शास्त्र बताया। कहा, रामकथा तो गाने वाला शास्त्र ही है। बापू ने रामकथा की व्यापकता की ओर इशारा करते हुए कहा, ध्यान से सुनोगे तो पूरा जगत ही रामायण लगेगा। रामकथा में निहित गायकी और प्रेम का समीकरण स्थापित करते हुए बापू ने यह फिल्मी गीत - हर दिल जो प्यार करेगा वो गाना गाएगा.. पेश कर महफिल लूट ली। कहा, मानस की कथा भी कोई सिद्धांतों पर केंद्रित नहीं है, सबकी अपनी-अपनी पेशगी है। कहा, मीरा, कबीर, नरसी, तुलसी, नानक ने गाकर उसे पाया। ऊपर वाले के प्रेम में गायकी की महिमा विवेचित करते हुए बापू ने कहा नानक अपने शिष्य मरदाना से कहा करते थे, मरादाना छेड़। ..तो निजामुद्दीन औलिया अपने शिष्य से कहा करते थे, कोई राग गा।