Move to Jagran APP

अयोध्या प्रकरण : मध्यस्थता पैनल के समक्ष पहुंचे चार दर्जन पक्षकार

अयोध्या रामजन्मभूमि विवाद को मध्यस्थता के जरिये सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम और दोनों तरफ से पक्षकारों की पहली बैठक शुरू हो गई है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 03:53 PM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2019 05:35 PM (IST)
अयोध्या प्रकरण : मध्यस्थता पैनल के समक्ष पहुंचे चार दर्जन पक्षकार
अयोध्या प्रकरण : मध्यस्थता पैनल के समक्ष पहुंचे चार दर्जन पक्षकार

अयोध्या, जेएनएन, रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद सुलझाने के लिए सुबह से ही उल्लास बयां हुआ। सुप्रीमकोर्ट की ओर से नामित मध्यस्थता पैनल के सामने अपना पक्ष रखने के लिए मामले के पक्षकार, उनके प्रतिनिधि और अधिवक्ताओं समेत 50 से अधिक लोग अवध विश्वविद्यालय के कल्पना चावला सभागार में एकत्र हुए।

loksabha election banner

इस दौरान वार्ता या अन्य किसी गतिविधि की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए वार्ता हाल में प्रवेश से पूर्व लोगों का मोबाइल-कैमरा रखवा लिया गया। वार्ता स्थल अवध विश्वविद्यालय के जिस न्यू कैंपस में है, उस परिसर को बैरीकेडिंग एवं पुलिस की कड़ी निगरानी से जकड़ कर रखा गया था, जिससे कोई अनापेक्षित शख्स वार्ता स्थल तक न पहुंच सके। मीडिया को मध्यस्थता की गतिविधि से पूरी तरह दूर रखा गया।

पक्षकारों को टटोलने के लिए मध्यस्थता पैनल के चेयरमैन सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति कलीफुल्ला सहित दो अन्य सदस्य आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर एवं वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू मंगलवार को अविवि के गेस्ट हाउस में पहुंच गए थे।

तय समय के अनुसार बुधवार को वार्ता में शामिल होने वालों में विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय, प्रदेश सरकार के अधिवक्ता मदनमोहन पांडेय, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रतिनिधि एवं अधिवक्ता जफरयाब जीलानी, निर्वाणीअनी अखाड़ा के श्रीमहंत धर्मदास, शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी, बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब एवं इकबाल अंसारी, निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्रदास, उनके अधिवक्ता रणजीतलाल वर्मा एवं तरुणजीत वर्मा, शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के उत्तराधिकारी अविमुक्तेश्वरानंद, उनके अधिवक्ता परमेश्वरनाथ मिश्र एवं रंजना अग्निहोत्री, अदालत में रामलला के सखा त्रिलोकीनाथ पांडेय, जमीयत उलेमा ङ्क्षहद के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना असहद रशीदी, मुफ्ती हस्बुल्ला, मौलाना बादशाह खान, मो. उमर, हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि, हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी आदि रहे।

वार्ता कितनी सरगर्मी से हुई इसका अंदाजा वार्ता कक्ष से मिलता रहा। सुबह दस बजते ही शुरू हुई वार्ता दोपहर डेढ़ बजे लंच के लिए 45 मिनट तक के लिए स्थगित हुई। सवा दो बजे फिर वार्ता की मेज पर एकत्र हुए पक्षकारों में शाम छह बजे तक वार्ता चली। बुधवार के बाद मध्यस्थता पैनल की मौजूदगी में ऐसी ही वार्ता इसी माह की 27 से 29 तारीख तक प्रस्तावित है।

पक्षकारों ने कुछ भी बताने से किया परहेज
मीडिया से चिर-परिचित मंदिर-मस्जिद विवाद से जुड़े पक्षकार बदले-बदले नजर आए। वार्ता हाल से बाहर निकलने के बाद पक्षकारों से मीडिया के प्रतिनिधियों ने अंदर की बात जानने की कोशिश की पर पक्षकार अभिवादन का आदान-प्रदान करते हुए आगे बढ़ गए। दबाव बनाने पर भी उन्होंने कुछ भी बताने से परहेज किया। सुप्रीमकोर्ट ने यह तय कर रखा है कि मध्यस्थता की गतिविधियों को पूरी तरह गोपनीय रखा जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.