चिकित्सा शिविर में तीन सौ मरीज लाभांवित
अयोध्या : प्रख्यात ज्योतिषगुरु स्वामी हरिदयाल एवं रामजी मिश्र की स्मृति में रविवार को प्रात: 10 से अप
अयोध्या : प्रख्यात ज्योतिषगुरु स्वामी हरिदयाल एवं रामजी मिश्र की स्मृति में रविवार को प्रात: 10 से अपराह्न दो बजे तक नि:शुल्क चिकित्सा शिविर संयोजित किया गया। मणिरामदासजी की छावनी के निकट स्थित रामानंद आश्रम में आरोग्य कल्याण न्यास एवं अयोध्या निरोग धाम सेवा ट्रस्ट की ओर से आयोजित शिविर में तीन सौ से अधिक मरीज लाभांवित हुए। इस दौरान पीजीआइ के पूर्व निदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के नेफ्रोलॉजिस्ट प्रो. आरके शर्मा, डॉ. राघवेंद्र शुक्ल, डॉ. मनोज गुप्त, डॉ. डीके झा जैसे जाने-माने चिकित्सकों ने मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया और उन्हें समुचित सलाह के साथ दवा भी प्रदान की। दवा की व्यवस्था जिलाधिकारी डॉ. अनिल कुमार के प्रयास से संभव हो सकी।
शिविर का उद्घाटन निर्वाणी अनीअखाड़ा के श्रीमहंत धर्मदास ने किया और प्रो. शर्मा ने महंत धर्मदास का स्वास्थ्य परीक्षण कर शिविर की शुरुआत की। 65 वर्षीय धर्मदास पूरी तरह से स्वस्थ पाए गए। इस मौके पर साकेत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजयमोहन श्रीवास्तव, समाजसेवी गोपालकृष्ण, स्वामी हरिदयाल के पुत्र एवं हाईकोर्ट में अधिवक्ता नितिन मिश्र, डॉ. महेंद्र ¨सह, डॉ. प्रमोद ¨सह, डॉ. सिद्धि पांडेय, अधिवक्ता दीनदयाल, टीएन मिश्र आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। प्रो. शर्मा सहित आइएएस अधिकारी टीएन धर एवं पूर्व मुख्य सचिव अतुल गुप्त आदि की प्रेरणा से संयोजित शिविर रामनगरी में प्रत्येक सप्ताह संभावित है। स्वच्छता से शरीर होगा सुरक्षित : पाठक
मसौधा/ भदरसा : पर्यावरण व स्वच्छता से ही स्वस्थ शरीर होता है। इसलिए वृक्षारोपण करें, साथ ही स्वच्छता के लिए साफ-सफाई के साथ शौच के लिए शौचालय प्रयोग करें, जिससे गंदगी से फैलने वाली बीमारियों को रोकने में सफलता मिल सके। उक्त बातें भरतकुंड स्थित पंचायतभवन पर लगे नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर में अस्थि एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ डॉ. जीसी पाठक ने कहीं। उन्होंने मौजूद लोगों को दस पौध लगाने, सप्ताह में दो दिन साफ-सफाई करने व सौ लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित करने का संकल्प दिलाया। इससे पूर्व रामकुमार पांडेय ने कुंड पर पौधरोपण किया। ग्राम प्रधान रामकृष्ण पांडेय, लक्ष्मीदेवी, शकीला खातून, सुशीलादेवी, शशिकला, रोघई, सीताराम, तारावती, रीतादेवी सहित दर्जनों गांव से आए 225 ग्रामीणों का अस्थि क्षरण (ऑटोप्रेसिस) की जांच की गई।