हिदू राष्ट्र के साथ मानसरोवर मुक्ति की मुहिम का आगाज
संतों के साथ विश्व प्रवासी सामाजिक एवं सांस्कृतिक संघ तथा विश्व प्रवासी धर्म परिषद संघ का संकल्प.
अयोध्या : जानकीघाट बड़ास्थान में हिदू राष्ट्र निर्माण के साथ मानसरोवर मुक्ति की मुहिम का आगाज किया गया। विश्व प्रवासी सामाजिक एवं सांस्कृतिक संघ तथा विश्व प्रवासी धर्म परिषद के संयोजन में छिड़ी इस मुहिम को संतों का भी आशीर्वाद मिला। विश्व प्रवासी संघ के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं जानकीघाट बड़ास्थान के महंत जन्मेजयशरण के संयोजन में संत सम्मेलन के माध्यम से पहले हिदू राष्ट्र निर्माण और मानसरोवर की मुक्ति का औचित्य प्रतिपादित किया गया। इसके बाद विभिन्न देशों से आए प्रवासी भारतीयों ने प्रतीकात्मक प्रदर्शन कर अपनी मांग का इजहार किया। बिदुगाद्याचार्य देवेंद्रप्रसादाचार्य, जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य, उदासीन ऋषि आश्रम के महंत डॉ. भरतदास, बड़ा भक्तमाल के महंत अवधेशदास, दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेशदास, रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य एवं निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्रदास, दशरथमहल पीठाधीवर के कृपापात्र रामभूषणदास कृपालु, नागा रामलखनदास, महंत पवनकुमारदास, कविराजदास आदि सहित बड़ी संख्या में संत-महंत एवं प्रवासी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नित्यानंद तिवारी, उपाध्यक्ष रमाकांत पंडित, मंत्री हितेंद्र जोशी, संघ की यूएसए इकाई के महामंत्री रमन, सिक्किम प्रदेश अध्यक्ष श्रीनिवास रेड्डी, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता उत्तम शर्मा आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। संघ की यूएसए इकाई के मंत्री के अनुसार इस संकल्प पर अमल के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मुहिम छेड़ी जाएगी। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही वाशिगटन में आयोजित एक वृहद कार्यक्रम के माध्यम से यह अभियान अंतरराष्ट्रीय क्षितिज पर प्रस्तुत होगा और इस अभियान की अध्यक्षता महंत जन्मेजयशरण करेंगे तथा कार्यक्रम में अयोध्या के कुछ और संतों को भी आमंत्रित किया जाएगा। अधिवेशन में तय होगी कार्ययोजना
- महंत जन्मेजयशरण ने बताया कि आगामी सात-आठ मार्च को जानकीघाट बड़ास्थान में ही प्रवासी संघ एवं विश्व प्रवासी धर्म परिषद का दो दिवसीय अधिवेशन प्रस्तावित है। इस अधिवेशन में प्रस्ताव पारित कर हिदू राष्ट्र निर्माण एवं मानसरोवर को चीन से मुक्त करा भारत में शामिल कराए जाने के लिए समुचित निर्णय किया जाएगा। उनके अनुसार प्रवासी संघ इन दो मुद्दों पर अभियान छेड़ने के साथ गो-गंगा-गायत्री एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयासरत है।
सब नर करहि परस्पर प्रीती..
- महंत जन्मेजयशरण सहित प्रवासी संघ के अन्य पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि हिदू राष्ट्र की मांग का आशय मुस्लिमों का विरोध नहीं है, बल्कि रामराज्य की स्थापना का प्रयास है। ऐसा रामराज्य जिसके बारे में वर्णित है, सब नर करहि परस्पर प्रीती/ चलहि स्वधर्म निरत श्रुति नीती। उन्होंने बताया कि हिदू राष्ट्र की उनकी अवधारणा में वे सभी देशवासी शामिल हैं, जो देश की सांस्कृतिक जड़ों से प्रेरणा लेते हैं और उनका आदर करते हुए एकसूत्र में निबद्ध होते हैं।