लोक अदालत ने दिलाया वृद्ध माता-पिता को पुत्र का साथ
पारिवारिक न्यायालय ने बेसहारा वृद्ध माता-पिता को पुत्र का सहारा दिलाया। रत्नाकुमारी अपने पति सुनील से विवाद समाप्त कर ससुराल के लिए विदा हो गई। शनिवार को दीवानी न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत में 2 करोड़ 56 लाख 117 रुपये की रिकवरी के अलावा 1
अयोध्या : पारिवारिक न्यायालय ने बेसहारा वृद्ध माता-पिता को पुत्र का सहारा दिलाया। रत्नाकुमारी अपने पति सुनील से विवाद समाप्त कर ससुराल के लिए विदा हो गई। शनिवार को दीवानी न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत में 2 करोड़ 56 लाख 117 रुपये की रिकवरी के अलावा 1804 वादों को निस्तारित किया गया। निस्तारित वादों में मोटर दुर्घटना दावा, प्रतिकर याचिका के आठ वाद शामिल हैं। 26 लाख 55 हजार रुपये प्रतिकर दिलाया गया। बैंक रिकवरी से सम्बन्धित 377 प्री-लीटिगेशन वाद निस्तारित करते हुए बैंक ऋण एक करोड़, 81 लाख, 30 हजार, 478 रुपया वसूला गया।
जिला जज जीके पांडेय के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत की शुरुआत प्रभारी जिलाजज अशोक कुमार ने किया। नोडल अधिकारी बीडी गौतम (एडीजे) ने बैंक लोन के प्रि-लिटीगेशन विवादों में सुलहवार्ता कराई। पारिवारिक न्यायाधीश रीता कौशिक ने प्राधिकरण के सचिव डॉ. सुनीलकुमार ¨सह (सिविल जज सीनियर डिवीजन/फास्ट ट्रैक कोर्ट) व अयोध्या बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अर¨वद ¨सह की मौजूदगी में पक्षों के मध्य सुलह वार्ता कराई। मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र के उरुवावैश्य निवासी रामकिशोर व उनकी पत्नी श्यामपति को वृद्धावस्था में बड़ा सहारा मिला। सात माह में उनके मुकदमे का निपटारा हो गया। पुत्र राधेश्याम ने माता-पिता को साथ रखना स्वीकार कर लिया।
न्यायिक अधिकारियों में हरिनाथ पांडे, सुरेशचंद आर्य, कुशल पाल, सुरेश कुमार शर्मा, श्रद्धा तिवारी, वरुणमोहित निगम, प्रज्ञा ¨सह, विजय कुमार गुप्त, अभिनव तिवारी, अनीता, रश्मि चंद, अविनाश चंद्र गौतम, देवेंद्र प्रताप ¨सह, साधना गिरी ने मयूरेश श्रीवास्तव ने सुलह वार्ता कर मुकदमों का निस्तारण किया। बैंक आफ बड़ौदा, बैंक आफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बड़ौदा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, कारपोरेशन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूको बैंक, बीएसएनएल, वोडाफोन कंपनी व अन्य के शिविर लगे थे।