मजदूर का बेटा बना नायब तहसीलदार
ज पीसीएस अधिकारी बनकर बिधवा माता के सपनोको साकार कर दिया। विकास खंड पूरा बाजार के ग्राम सभा ददेरा मजरे तुलसीतारा गांव निवासी राम जनक के तीन पुत्र है। जिनका वर्ष1995 में निधन हो गया। काफी गरीब होने के कारण पत्नी शिव कुमारी अपने अबोधतीनो बच्चों को पालने के लिए मेहनत मजदूरी करके जीविकोपार्जन कर रहीं थी। इसी गरीबी के कारण बडा बेटा भी अच्छी पढाई न कर जिम्मेदारी उठाते हुए खेती के कार्य मे लग गया। ग्राम प्रधान तारावती गुप्ता
मसौधा (अयोध्या) :
सूरज की तपिश और बेमौसम बरसात को हमने हंसकर झेला है, मुसीबतों से भरे दलदल में हमने अपनी ¨जदगी को धंसकर ठेला है' यह लाइन महेश कुमार पर सटीक बैठ रही है। सात वर्ष की उम्र में सिर से पिता का साया उठ गया। मजदूरी कर मां व बड़े भाई ने जैसे-तैसे छप्पर के मकान व ढिबरी के उजाले में महेश को पढ़ाया। उसने पीसीएस परीक्षा 2016 उत्तीर्ण कर विधवा मां के सपनों को साकार कर दिया। उसे नायब तहसीलदार का कैडर मिला है।
विकास खंड पूराबाजार के ग्रामसभा ददेरा के मजरे तुलसीतारा गांव निवासी रामजनक का वर्ष 1995 में निधन हो गया। काफी गरीब होने के कारण पत्नी शिवकुमारी ने अपने तीन बच्चों को पालने के लिए मेहनत-मजदूरी कर जीविकोपार्जन शुरू किया। गरीबी के कारण बड़ा बेटा अच्छी पढ़ाई न कर सका। वह खेती एवं खेतिहर मजदूर के रूप में कार्य प्रारंभ किया। मां की मजबूरी को देख महेश कुमार के दिल में लगन से पढ़कर कुछ बनने की तमन्ना जागी, ताकि मां एवं अन्य परिवारजनों के जीवन में खुशियां घोल सके। इसी जज्बे को दिल में लेकर वर्ष 2016 में पीसीएस एवं लेखपाल की परीक्षा दी। लेखपाल का रिजल्ट आने के बाद चयन हो गया था। शुक्रवार देर रात्रि पीसीएस का रिजल्ट आने के बाद महेश कुमार को 145 रैंक होने के कारण नायब तहसीलदार के रूप में चयन होने की जानकारी होते ही परिवार सहित पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई।