11 साल में पूरी हुई आतंकी मुकदमे की सुनवाई
फैजाबाद : 23 नवंबर 2007 को हुए कचहरी सीरियल ब्लास्ट के मुकदमे की सुनवाई 11 साल में पूरी
फैजाबाद : 23 नवंबर 2007 को हुए कचहरी सीरियल ब्लास्ट के मुकदमे की सुनवाई 11 साल में पूरी हुई। विशेष न्यायाधीश अमरजीत त्रिपाठी ने मुकदमे में बहस के लिए आगामी 13 नवंबर को तारीख तय की है। लखनऊ जेल में निरुद्ध सजायाफ्ता आतंकवादी मोहम्मद अख्तर व बाराबंकी जेल में निरुद्ध तारिक कासमी को मंगलवार को कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका। सजादुर्रहमान ही सुनवाई के दौरान मौजूद था, वह फैजाबाद जेल में ही निरुद्ध है।
सुरक्षा के लिहाज से मंडल कारागार में लगाई गई विशेष अदालत में अभियुक्त पक्ष के अधिवक्ता जमाल अहमद ने आतंकी अशादुल्ला अख्तर का कलमबंद बयान साक्ष्य के तौर पर कोर्ट में पेश किया। अधिवक्ता के मुताबिक अशादुल्ला अख्तर ने हैदराबाद की कोर्ट में 18 अक्टूबर 2013 को बयान दिया था कि उसने ही यूपी की कचहरियों में बम ब्लास्ट किया था। एटीएस ने अशादुल्ला को फैजाबाद सीरियल ब्लास्ट में अभियुक्त नहीं बनाया है। अभियोजन पक्ष की ओर से भी तारिक कासमी को लखनऊ कोर्ट से दी गई सजा के निर्णय की प्रति दाखिल की गई है। इसी के साथ सुनवाई व साक्ष्य की कार्यवाही समाप्त कर दी।
कचहरी सीरियल ब्लास्ट में जांच एजेंसी एटीएस ने सजादुर्रहमान, तारिक कासमी, मोहम्मद अख्तर व खालिद मुजाहिद के विरुद्ध आरोप पत्र अदालत भेजा था। 2008 में अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जमानत न हो पाने के कारण सभी अभियुक्त जेल में ही निरुद्ध रहे। 2013 में खालिद मुजाहिद की न्यायिक हिरासत में ही मौत हो गई।