कुर्मी समाज की राजनीतिक उपेक्षा पर ¨चता बयां
फैजाबाद : कृभको के पूर्व उपमहाप्रबंधक एवं उत्तरप्रदेश सरदार पटेल बौद्धिक विचार मंच के महा
फैजाबाद : कृभको के पूर्व उपमहाप्रबंधक एवं उत्तरप्रदेश सरदार पटेल बौद्धिक विचार मंच के महामंत्री जगदीशशरण गंगवार ने कहा कि प्रदेश में कुर्मी समाज की जनसंख्या 12 प्रतिशत है। 2014 के लोकसभा एवं 2017 के विधानसभा चुनाव में कुर्मी समाज के 90 प्रतिशत लोगों ने भाजपा के पक्ष में वोट किया था और कुर्मी समाज के प्रतिनिधि अच्छी संख्या में जीते भी। इसके बावजूद सरकार में कुर्मी समाज के लोगों को समुचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला। उन्होंने कहा कि अब तक उत्तरप्रदेश में कुर्मी बिरादरी का कोई भी मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल नहीं बनाया गया। केंद्र सरकार में भी उत्तरप्रदेश से कुर्मी समाज का कोई कैबिनेट मंत्री नहीं बनाया गया। गंगवार ने याद दिलाया कि प्रदेश में भाजपा के 30 विधायक कुर्मी विरादरी के हैं पर मंत्री मात्र दो को ही बनाया गया, जबकि संख्या के हिसाब से कुर्मी समाज के प्रदेश में पांच मंत्री होने चाहिए। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पूर्व की बसपा सरकार में कुर्मी समाज के नौ मंत्री बनाए गए थे। सपा सरकार में सात एवं कल्याण ¨सह तथा रामप्रकाश गुप्त की सरकार में भी कुर्मी समाज के चार-चार मंत्री थे। गंगवार ने यह कहकर कुर्मी समाज की उपेक्षा का हवाला दिया कि प्रदेश के 25 विश्वविद्यालयों में एक का भी कुलपति कुर्मी समाज का नहीं है। मेयर एवं जिलापंचायत अध्यक्ष की भी भूमिका में कुर्मी समाज की अनदेखी को उन्होंने मुद्दा बनाया। गंगवार ने बताया कि प्रदेश में लोकसेवाआयोग, उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग तथा अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के रूप में चार आयोग हैं पर इनमें से किसी का अध्यक्ष कुर्मी समाज को बनने का अवसर नहीं मिला। उत्तरप्रदेश लोक सेवाआयोग में तो 2001 के बाद से कुर्मी समाज का कोई सदस्य भी नहीं है। प्रदेश की भर्ती संस्थाओं में भी कुर्मी समाज उपेक्षित है। कुर्मी समाज की उपेक्षा के बीच उन्होंने दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में समाज को अन्य सियासी विकल्प तलाशने के लिए जागरूक किया जाएगा।
गंगवार सिविल लाइंस स्थित एक होटल में मीडिया से मुखातिब थे। इस मौके पर पीएन वर्मा, प्रो. एमआर वर्मा, रवींद्रकुमार वर्मा, मिश्रीलाल वर्मा, डॉ. अवधेश वर्मा, वीएल वर्मा, रामवचन वर्मा, संतराम वर्मा, धर्मेंद्र वर्मा, डॉ. माताप्रसाद वर्मा, त्रिलोकी वर्मा, हीरालाल वर्मा आदि मौजूद रहे।