रामानुरागी संतों ने कृष्ण भक्ति की भावधारा में लगाई डुबकी
अयोध्या लगातार दूसरी रात्रि रामनगरी में कान्हा के जन्मोत्सव की छटा बिखरी। शुक्रवार की मध्यरात्रि जहां गृहस्थ परंपरा के मंदिर और घर कृष्ण जन्मोत्सव के उल्लास से जगमग हुए। शनिवार को विरक्त परंपरा के संतों ने कृष्ण भक्ति की धारा में डुबकी लगाई। रामानंदीय संतों की शीर्ष पीठ मणिरामदासजी की छावनी दशरथमहल बड़ास्थान रामवल्लभाकुंज लक्ष्मणकिला हरिधामगोपाल मंदिर बिड़ला मंदिर वशिष्ठभवन लवकुश मंदिर आदि मंदिर उत्सव के केंद्र में रहे।
अयोध्या : लगातार दूसरी रात्रि रामनगरी में कान्हा के जन्मोत्सव की छटा बिखरी। शुक्रवार की मध्यरात्रि जहां गृहस्थ परंपरा के मंदिर और घर कृष्ण जन्मोत्सव के उल्लास से जगमग हुए। शनिवार को विरक्त परंपरा के संतों ने कृष्ण भक्ति की धारा में डुबकी लगाई। रामानंदीय संतों की शीर्ष पीठ मणिरामदासजी की छावनी, दशरथमहल बड़ास्थान, रामवल्लभाकुंज, लक्ष्मणकिला, हरिधामगोपाल मंदिर, बिड़ला मंदिर, वशिष्ठभवन, लवकुश मंदिर आदि मंदिर उत्सव के केंद्र में रहे।
कान्हा के जन्म की रस्म तो मध्य रात्रि 12 बजे निभी और इस रस्म के साथ हुई प्राकट्य आरती से उत्सव का शिखर बयां हुआ। उत्सव की लड़ी दिन ढलते ही भजन संध्या के रूप में प्रस्तुत हुई। राजघाट स्थित शिरडी साईं मंदिर में साईंकृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई। मंदिर के प्रधान अर्चक वाई सुंदर ने बताया कि दो दिवसीय उत्सव की शुरुआत सुबह बाबा के अभिषेक व श्रृंगार आरती के साथ हुई। इसके बाद नवग्रह, लक्ष्मी-गणेश व बेदी पूजन हुआ। सायं भागवत कथा के अनुसार भक्तों के चरित्र का वर्णन आचार्य अमित त्रिपाठी ने किया।
वशिष्ठभवन में डॉ. राघवेशदास के संयोजन में नौनिहालों ने कृष्ण के बाल रूप और उनके संगियों की भूमिका से दर्शकों को विभोर किया। राघवेशदास ने कहा, भगवान राम अथवा कृष्ण की लीला पतितों को पावन करने वाली है। हरिधाम में जन्मोत्सव की रस्म के साथ पीठाधिपति जगद्गुरु स्वामी रामदिनेशाचार्य ने कृष्ण के चरित्र पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, कृष्ण का व्यक्तित्व बहुआयामी है और उनसे सीख लेकर हम जीवन रूपी महाभारत के विजेता हो सकते हैं।
बिड़ला मंदिर में प्रबंधक पवन सिंह एवं पुजारी अंकुश झा के संयोजन में जन्मोत्सव की रस्म के पूर्व संगीत की धार प्रवाहित की गई। नाका स्थित ठाकुर रामजानकी मंदिर में भी उत्सव की छटा बिखरी। उत्सव का संयोजन ज्ञानप्रकाश श्रीवास्तव एवं गीता श्रीवास्तव ने किया। नाका बाईपास स्थित मां अंजनी बाल हनुमान मंदिर में शाम से ही भक्ति की धार प्रवाहित हुई। सायं धूम-धाम से कान्हा का जन्मदिन मनाया गया। कार्यक्रम का संयोजन मंदिर की प्रबंधक गीता तिवारी ने किया।
नाका हनुमानगढ़ी में प्रवाहित हुई संगीत की धार - पौराणिक महत्व की पीठ नाका हनुमानगढ़ी में शास्त्रीय संगीत की धार प्रवाहित हुई। पीठाधिपति महंत रामदास ने मंझे कलाकार की तरह प्रस्तुतियों से समां बांधा। ..तो शास्त्रीय संगीत के मर्मज्ञ सत्यप्रकाश मिश्र, कार्तिकेय पांडेय और अपर्णा यादव जैसे उदीयमान गायकों ने श्रोताओं को विभोर किया। सायं सात से देर रात्रि तक चली संगीत संध्या के समापन के साथ कान्हा के जन्मोत्सव की रस्म निभी और नयनाभिराम झांकी सजी। पं. जनार्दनदत्त द्विवेदी, अनिल पांडेय, अरुण पांडेय, रामनेवाजदास, अजय तिवारी आदि के साथ उत्सव का संयोजन महंत रामदास ने किया। उन्होंने बताया कि छह दिनों तक कान्हा की नित्य शाम झांकी सजेगी और गुरुवार को कान्हा के छठ पर्व के साथ उत्सव का समापन होगा। ----------------------- नन्हें-मुन्नों ने प्रस्तुति से समां बांधा
- सरयूबिहार कॉलोनी स्थित सन शाइन फॉउंडेशन एजूकेशन सेंटर में नन्हे-मुन्नों ने कृष्ण के जीवन पर आधारित लीला की मोहक प्रस्तुति की। निर्देशक रेनू सिंह ने कृष्ण के कर्म योग के बारे में जानकारी दी। शिक्षक आदित्य सिंह, शन्नो श्रीवास्तव, ममता श्रीवास्तव, तान्या सिंह, मेधावी श्रीवास्तव, लक्ष्मी एवं शकुंतला के निर्देशन में बच्चों ने अपनी प्रस्तुति से समां बांधा।