कड़कनाथ मुर्गें की फार्मिंग का हब बनेगा पूर्वांचल
अयोध्या : नरेंदद्रेव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की मुहिम परवान चढ़ी तो पूर्वांचल कड़कनाथ म
अयोध्या : नरेंदद्रेव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की मुहिम परवान चढ़ी तो पूर्वांचल कड़कनाथ मुर्गों की फार्मिंग के लिए जाना जाएगा। विवि परिक्षेत्र 26 जिलों के 23 कृषि विज्ञान केंद्रों में इस नस्ल के मुर्गे का पालन शुरू कराएगा। इसकी पहल शुरू हो गई है। विवि के अंतर्गत संचालित हैदरगढ़, आजमगढ़ व मसौधा कृषि विज्ञान केंद्रों पर कड़कनाथ मुर्गी का पालन शुरू हो गया है। विवि प्रशासन की रणनीति पूर्वांचल की पट्टी में इस मुर्गे के पालन को बढ़ावा देने की है। किसानों को सामान्य खेती-बारी के सामांतर मुर्गे-मुर्गी के पालन को बढ़ावा दिया जाएगा। इसी के जरिए किसानों की आय भी बढ़ाने का प्रयास हैं।
मूलत: मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाके में पायी जाने वाली इस मुर्गी के पालन का प्रयास पूर्वांचल में शुरू हो गया है। दरअसल इस मुर्गे की मीट उच्चगुणवत्ता वाली होती है। काले रंग के इस मुर्गे की प्रजाति बेहद उपयोगी है। योजना है कि किसान इन मुर्गो को बैकयार्ड फार्मिंग के रूप में पालन करें। इससे जीरो लागत पर आय दोगुना की जा सकती है। इनके लिए पूर्वी उत्तरप्रदेश काफी अनुकूल माना जा रहा है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेएस संधू ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत की गई है। इसके साथ ही किसानों को इसके पालन के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे वह अपनी इनकम को बढ़ा सके। --------------
चिकन की मांग कई गुना अधिक
-कड़कनाथ मुर्गा काला रंग का होता है। इसका एक अंडा 40-50 रुपये में बिकता है। इसकी कीमत एक हजार से 15 सौ रुपये है। इसके चिकन की मांग सामान्य मुर्गे से कई गुना अधिक है।