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कचहरी की सुरक्षा पर नहीं बनी अधिवक्ताओं में एकराय

अयोध्या शुक्रवार को वकालतखाना में हुई कचहरी की सुरक्षा संबंधी बैठक में अधिवक्ताओं में एकराय नहीं बन सकी। फैजाबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय बहादुर सिंह व्यवस्था दी कि आपत्तियों व सुझाव पर विचार के बाद पुन सामान्य सदन की बैठक बुलाई जाएगी। बैठक इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश व जिलाजज के पत्र के मद्देनजर बुलाई गई थी जिसमें अधिवक्ताओं के परिचयपत्र कचहरी सीरियल ब्लास्ट मुकदमे की अपील वकालतखाना में ई-लाइब्रेरी पर जज की रिपोर्ट पर चर्चा की प्रस्तावित थी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 11:02 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 06:07 AM (IST)
कचहरी की सुरक्षा पर नहीं बनी अधिवक्ताओं में एकराय

अयोध्या : शुक्रवार को वकालतखाना में हुई कचहरी की सुरक्षा संबंधी बैठक में अधिवक्ताओं में एकराय नहीं बन सकी। फैजाबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय बहादुर सिंह व्यवस्था दी कि आपत्तियों व सुझाव पर विचार के बाद पुन: सामान्य सदन की बैठक बुलाई जाएगी। बैठक इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश व जिलाजज के पत्र के मद्देनजर बुलाई गई थी, जिसमें अधिवक्ताओं के परिचयपत्र, कचहरी सीरियल ब्लास्ट मुकदमे की अपील, वकालतखाना में ई-लाइब्रेरी पर जज की रिपोर्ट पर चर्चा की प्रस्तावित थी।

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चर्चा के दौरान पूर्व अध्यक्ष अरविद सिंह व सीताराम वर्मा ने कहा कि यूपी बार कौंसिल व बार एसोसिएशन से जारी अधिवक्ताओं के दो परिचयपत्र पहले से हैं। इसके बाद तीसरा परिचयपत्र बनाना औचित्यपूर्ण नहीं है। फैजाबाद कचहरी हाईसिक्योरिटी जोन में होने के कारण यहां पहले से विशेष सुरक्षा है। इसी सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने की जरूरत है। सौरभ मिश्र, रामशंकर त्रिपाठी, ललितमोहन श्रीवास्तव ने कहा कि कचहरी के चारों तरफ 12 फीट ऊंची दीवार है, सभी गेट पर मेटल डिटेक्टर लगे हैं।

कैसर मेंहदी, राघवेंद्र प्रताप सिंह, सलीम नैय्यर, दीपक सिंह ने कहा कि फैजाबाद कचहरी की स्थित प्रदेश के अन्य जिलों से भिन्न है और विशेष सुरक्षित है। यहां की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए जिला जज, जिलाधिकारी व बार एसोसिएशन संयुक्त बैठक की जानी चाहिए। सूर्यनारायण सिंह, आलोक खरे ने कहा कि हाईकोर्ट की तरह यहां वादकारियों के रोजाना पास जारी करने से नित नई समस्याएं पैदा करेगा। वादकारी पुकार पर समय से नहीं पहुंच सकेगा।

समीक्षा के बाद अध्यक्ष ने व्यवस्था दी कि 2007 को कचहरी सीरियल ब्लास्ट के बाद दो न्यायमूर्तियों की मौजूदगी में सुरक्षा व्यवस्था पर विचार-विमर्श किया गया था, जिसके मिनट बुक व नक्शे का अध्ययन करने के बाद पुन: बैठक बुलाई जाएगी। कचहरी सीरियल ब्लास्ट मुकदमे में कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध शासकीय अधिवक्ता के सहयोग से अपील करने का निर्णय लिया गया।


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