अयोध्या के पर्यटन विकास की संभावनाएं चढ़ीं परवान
अयोध्या : जनकपुर चल कर रामनगरी पहुंचने वाली मैत्री बस सेवा पर्यटन की संभावनाओं में चार-चांद
अयोध्या : जनकपुर चल कर रामनगरी पहुंचने वाली मैत्री बस सेवा पर्यटन की संभावनाओं में चार-चांद लगाने वाली रही। अयोध्या को आराध्या की नगरी से सीधी परिवहन सुविधा मिली ही, पर्यटन की एक और राह प्रशस्त हुई। इसमें कोई शक नहीं कि आध्यात्मिक-सांस्कृतिक फलक पर भगवान राम एवं सीता महनीय किरदार हैं और अयोध्या एवं जनकपुर जैसी नगरी वैश्विक स्तर पर किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। ऐसे में इन नगरों से जुड़ने वाली परिवहन सेवा पर्यटन को सहजता से ही बढ़ावा देने वाली है। शनिवार को तो यह उम्मीद गुणात्मक वृद्धि के साथ उपस्थित थी, जब मैत्री सेवा के रूप में जनकपुर से चली बस अयोध्या पहुंची। पर्यटन से जुड़ी उम्मीद मात्र बस सेवा तक ही सीमित नहीं है, रामायण सर्किट के रूप में केंद्र सरकार पर्यटन के महती प्रकल्प को साकार करने में लगी है। इस योजना के तहत भगवान राम एवं मां सीता से जुड़े एक दर्जन से अधिक चु¨नदा स्थलों के बीच सड़क निर्माण और परिवहन की अन्य सुविधाओं का समुचित विकास तथा स्थलों की पौराणिकता समीकृत करने के साथ उन्हें दर्शनीय स्थल का स्वरूप दिया जाना है। अगले चंद वर्षों में रामायण सर्किट परियोजना पूर्ण होनी है और तब अयोध्या के साथ जनकपुर एवं रामायण सर्किट के जुड़े अन्य स्थलों से जुड़ा पर्यटन किस कदर फले-फूलेगा, यह बताने की जरूरत नहीं है। मैत्री बस की अगवानी करने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पर्यटन मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने पुरानी योजनाओं की वस्तुस्थिति बता कर और भविष्य की योजनाओं का संकेत देकर विश्व पर्यटन के मानचित्र पर अयोध्या को उभारने के वायदे के प्रति जवाबदेही का परिचय दिया। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया, अयोध्या में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के बस स्टेशन के निर्माण शुरू होने की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। उन्होंने रामनगरी के पर्यटन विकास का प्रतिनिधित्व करने वाली रामकी पैड़ी में अनवरत जलप्रवाह के लिए अधिकारियों के साथ मंत्रणा की। ..तो पर्यटन मंत्री ने नवंबर में आगामी दीपोत्सव से पूर्व तक 133 करोड़ की लागत से प्रस्तावित परियोजनाओं का कार्य पूर्ण होने का भरोसा दिलाया। इन योजनाओं के तहत नए बस स्टेशन, पार्किंग स्थल का निर्माण, रामकी पैड़ी का सौंदर्यीकरण, सड़कों की मरम्मत, कुछ प्रमुख मंदिरों के नवीनीकरण आदि 18 योजनाओं पर काम होने हैं। अयोध्या को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर चमकते देखने की चाह रखने वाले तीर्थ विवेचनी सभा के अध्यक्ष राजकुमारदास के अनुसार संभव है कि कुछ लेट-लतीफी हो पर वह दिन दूर नहीं, जब अयोध्या पर्यटन के क्षितिज पर चमकेगी और यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी प्रचुर वृद्धि होगी।