अयोध्या में भूमि को लेकर केंद्र सरकार की याचिका पर मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी को एतराज नहीं
इकबाल अंसारी ने कहा कि अयोध्या में 2.77 एकड़ जमीन पर ही मस्जिद थी। उसी का विवाद है। केंद्र सरकार तो मंदिर को लेकर राजनीति कर रही है।
अयोध्या, जेएनएन। अयोध्या में राम जन्म भूमि प्रकरण में केंद्र सरकार के सुप्रीम कोर्ट पहुंचने पर इस मामले के मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी को कोई एतराज नहीं है।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि अयोध्या में जो गैर विवादित भूमि है, उसे रामजन्मभूमि न्यास को वापस सौंप दिया जाए। सरकार की ओर से कहा गया है कि विवादित भूमि सुप्रीम कोर्ट अपने पास रखे। केंद्र सरकार ने अयोध्या में विवादित भूमि छोड़कर बाकी अधिगृहीत भूमि जमीन मालिकों को वापस देने की सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मांगी है। केंद्र सरकार ने 1993 में केंद्र ने अयोध्या में 67 एकड़ जमीन अधिगृहीत की थी। यहां 2.77 एकड क्षेत्र में मस्जिद थी।
इकबाल अंसारी ने कहा कि अयोध्या में 2.77 एकड़ जमीन पर ही मस्जिद थी। उसी का विवाद है। केंद्र सरकार तो मंदिर को लेकर राजनीति कर रही है। चुनाव आते ही अयोध्या मसले को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। केंद्र सरकार अब विकास और रोजगार पर बात छोड़कर मंदिर मामले में आगे आ रही है। मुस्लिम पैरोकार हाजी महबूब का ने कहा कि केंद्र सरकार ने अपनी छवि बचाने के लिए याचिका दाखिल की है। इससे तो भाजपा की छवि धूमिल हो रही है। भाजपा अब राम मंदिर पर राजनीति कर रही है। यह तो देश के साथ मुसलमान के साथ गलत हो रहा है। जब सारी जमीन का अधिग्रहण हो गया था तो फिर वापस लेने की क्या जरूरत। मेरा तो यह मानना है कि जिसके हक में हो फैसला उसी को सारी जमीन दी जाए। राम मंदिर विवाद पर केंद्र सरकार की याचिका पर मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने मंगलवार को कहा कि उन्हें सरकार की इस याचिका से कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद के अलावा सरकार जमीन का कोई भी दूसरा हिस्सा लेने को आजाद है। हमें सरकार की याचिका पर कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि फिलहाल वह जमीनें सरकार के कब्जे में हैं।
आचार्य सतयेंद्र दास बोले-पूरी जमीन मिले
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की याचिका पर रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि विवाद केवल 2.77 एकड़ का है। केंद्र सरकार बाकी जमीन ले सकती है। इसके बाद भी जबतक 2.77 एकड़ का नहीं निस्तारण नहीं होता है तो मंदिर नहीं बन पाएगा।
विरोध की तैयारी में जिलानी
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी ने सरकार की ओर से होने वाले इस तरह के किसी फैसले का विरोध करने की तैयारी की है। उनका कहना है कि अयोध्या में किसी तरह के निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट की रोक है। अगर कुछ भी हुआ तो वो सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।
क्या है मामला
बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद सरकार ने विवादित ढांचे के आसपास 67 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया था। कोर्ट ने इस बड़ी जमीन पर यथास्थिति बनाए रखने का फैसला दिया था। इसके बाद सरकार ने जमीन का अधिग्रहण किया था ताकि विवादित जमीन जिस पार्टी को मिलेगी उसे यह जमीन दे दी जाएगी। सरकार चाहती है कि विवादमुक्त 67 एकड़ जमीन पर यथास्थिति बनाए रखने का फैसला वापस ले लिया जाए।