भूमि पूजन की खुशी में दीपों से जगमगाई अवध की धरा
सरयू तट समेत रामनगरी एवं ग्रामीण हिस्सों में राममंदिर की साध पूर्ण होने का उल्लास बयां.
अयोध्या : राममंदिर के भूमि पूजन के बाद सरयू तट समेत अवध की धरती दीपों के अनुपम श्रृंगार से जगमगा उठी। दीपों से रोशन रामनगरी की स्वर्णिम आभा के प्रति भक्तों की दीवानगी दिखी। ग्रामीण इलाकों में रामभक्तों ने सांझ ढलते ही घी के दीपक जलाए। घरों को झालरों से सजाया। राम की पैड़ी पर लगातार दूसरे दिन भी दीपमाला सजाई गई। सूर्य ढलते ही एक साथ लाखों दिए जगमगा उठे। अंतर्मन को अह्लाद से भर देने वाली रंगोली, राम पर आधारित कलाकृतियों के साथ दीपों की युगलबंदी आकर्षण का सबब बन रही थी। सरयूतट आस्था, उत्साह और उमंग की त्रिवेणी नजर आ रहा था। भगवान राम के जयकारे लोगों में उत्साह का चरम बयां कर रहे थे। इस ²श्य को देखने के लिए हर कोई बेताब दिख रहा था। यहां के दीप राममंदिर निर्माण की प्रतीक्षा पूर्ण होने की खुशी के हैं। इसमें सनातन धर्म के साथ सत्य और न्याय की जीत का मूल्य निहित है।
बुधवार को दो दिवसीय दीपोत्सव का अंतिम दिन रहा। पहले दिन की विरासत को पूरी भव्यता से उकेरा गया। अवध विवि के जनसंपर्क अधिकारी आशीष मिश्र बताते हैं कि राम की पैड़ी के अलावा रामनगरी में 25 स्थानों पर दीप जलाए गए, जिनकी संख्या ढाई लाख के करीब रही, लेकिन अयोध्या-फैजाबाद के रामभक्तों की सहभागिता ने दीपों की संख्या को बढ़ा दिया। राममंदिर परिसर में भी दीपोत्सव
-श्रीरामजन्मभूमि परिसर से दीपोत्सव मनाया गया। पूरे परिसर को दीप मालाओं से रोशन किया गया। अयोध्या के अन्य मंदिरों में भी दीप जले। कनक भवन, हनुमानगढ़ी, सुग्रीवकिला, मणिपर्वत, रामवल्लभाकुंज, जानकी घाट, भरतकुंड, दिगंबर अखाड़ा सहित अन्य स्थानों पर दीपों की लड़ियां जगमगा उठी। मिठाई का वितरण कर खुशी साझा की गई। यही ²श्य रिकाबगंज समेत शहर के अनेक हिस्सों में भी दिखा। कहीं-कही उत्साही युवाओं ने पटाखे भी फोड़े।